CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Thursday, November 21   12:17:34
real mogali

ये था भारत का असली मोगली, भेड़ियों के बीच हुआ बड़ा, फिर बना ‘द जंगल बुक’ की प्रेरणा

Dina Sanichar: क्या आपने कभी सोचा है कि मोगली जैसी कहानी असल में भी हो सकती है? मशहूर लेखक रुडयार्ड किपलिंग की “द जंगल बुक” का काल्पनिक किरदार मोगली तो आपने जरूर देखा होगा। जंगल में जानवरों के बीच पला-बढ़ा, स्वतंत्र और साहसी मोगली—हम सभी के लिए रोमांचक कहानी का हिस्सा रहा है। परंतु, असल में भारत में एक ऐसा लड़का था जो मोगली की तरह जंगली माहौल में बड़ा हुआ था। यह कहानी है दीना सनीचर की, जिसे असली जीवन का “मोगली” कहा जाता है और जिसकी रहस्यमयी जिंदगी ने रुडयार्ड किपलिंग को उनकी किताब के लिए प्रेरित किया था।

जंगल में दीना सनीचर की खोज

यह कहानी 1800 के दशक की है। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में साल 1867 में अंग्रेज शिकारियों ने जंगल में एक लड़के को देखा, जो अपने चारों हाथ-पैरों से चल रहा था और भेड़ियों के साथ दौड़ रहा था। आश्चर्यचकित शिकारियों ने उसका पीछा किया, और लड़का अपने भेड़िए के साथ एक गुफा में चला गया। शिकारियों ने गुफा में आग लगाकर उन्हें बाहर निकलने पर मजबूर किया। जैसे ही दोनों बाहर आए, भेड़िए को मार दिया गया, और उस छोटे बच्चे को पकड़ लिया गया। ये बालक था “दीना सनीचर,” जो शनिवार के दिन पकड़ा गया था और इसी कारण उसका नाम “सनीचर” रखा गया।

इंसानी जीवन में कठिन संघर्ष

जब दीना सनीचर को इंसानों के बीच लाया गया, तो उसे एक अनाथालय में भर्ती कराया गया। उसके पास न भाषा थी, न नाम, और न ही किसी भी प्रकार की मानव व्यवहार की समझ। उसे लिखना, बोलना और दो पैरों पर चलना सिखाया गया, पर यह सब उसके लिए बहुत कठिन साबित हुआ। दीना ने पका हुआ खाना खाने से इनकार कर दिया और उसने अपने कच्चे मांस खाने की आदत को बनाए रखा। धीरे-धीरे उसे कपड़े पहनने और प्लेट से खाना सीखने के लिए प्रेरित किया गया, लेकिन उसने हमेशा खाने को सूंघ कर ही खाया, जैसे जानवर किया करते हैं।

जंगली से इंसान बनने की कोशिश

अनाथालय में दीना की मुलाकात एक और “जंगली लड़के” से हुई, जिससे उसने इंसानी जीवन की कुछ आदतें अपनाईं। इनमें से एक आदत थी धूम्रपान की, जो दीना ने बखूबी अपना ली और उसे अपनी लत बना लिया। एक ओर जहाँ दीना इंसानी समाज का हिस्सा बनने की कोशिश कर रहा था, वहीं दूसरी ओर धूम्रपान की आदत ने उसकी सेहत को बुरी तरह प्रभावित किया, जिसके चलते 29 साल की उम्र में टीबी से उसकी मृत्यु हो गई।

दीना की विरासत और ‘द जंगल बुक’ की प्रेरणा

दीना सनीचर की जिंदगी आसान नहीं थी; वह अपनी जंगली जिंदगी और इंसानी समाज के बीच जूझता रहा। उसकी कहानी ने दुनिया के साहित्य में एक अमिट छाप छोड़ी है। यहीं से रुडयार्ड किपलिंग ने ‘मोगली’ के विचार को जन्म दिया और “द जंगल बुक” का कालजयी किरदार रचा। यह कल्पना के उस गहरे संबंध को दर्शाता है, जो इंसान और प्रकृति के बीच हो सकता है।

दीना सनीचर की कहानी उस प्रेरणा का प्रतीक है, जो किसी व्यक्ति की जिंदगी में किसी और का सपना बुन सकती है। दीना ने मानव सभ्यता और प्राकृतिक जीवन के संघर्ष को अपने अस्तित्व में झेला, और यद्यपि वह मोगली की तरह रोमांचक जिंदगी नहीं जी पाया, परंतु उसकी कहानी हमेशा उस अनोखे जज्बे और साहस को दर्शाएगी, जो जंगल के बच्चे के रूप में दीना में बसता था।