आज भारत का चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर इतिहास रच चुका है। अब तक जितने भी देश चांद पर उतरे हैं उन्होंने दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बनाई है। लेकिन, उनमें सबसे ऊपर अमेरिका हैं। क्योंकि उसने सबसे पहले इंसानों को चांद पर भेजकर पृथ्वी पर वापस उतारा था। पर क्या वाकई उनका किया गया दावा सच है? आपने बचपन से ही कई पुस्तकों में इस बारे में पढ़ा होगा। मगर इस दावे को लेकर कई ऐसी थ्योरीज भी बनी हैं जो इसे उलझा देती हैं। आज हम आपको उन्हीं थ्योरीज के बारे में बताने जा रहे हैं। बड़ी बात यह है कि इन थ्योरीज को कई बार खारिज किया जा चुका है।
चांद पर लहराता झंडा
सबसे पहले बात चांद पर लहराते हुए झंडे की करते हैं। जब आप आर्मस्ट्रांग की चांद पर जाने वाली तस्वीरें देखते हैं तो यह तस्वीर में आपको लगेगा की झंडा हवा में लहरा रहा है। बहुत लोगों को ऐसा लगता है कि यह फोटो धरती पर ही ली गई है, लेकिन ऐसा नहीं है। आप इसे ध्यान से देखें तो आपको दिखेगा की झंडे के ऊपरी किनारे पर एक रॉड लगी हुई है। इसलिए यह लहराता हुआ दिखाई देता है।
चांद पर नहीं हैं तारे
नासा के यह मून लैंडिंग की तस्वीरें काफी वायरल होती हैं जिसमें बज एल्ड्रिन चलते दिख रहे हैं। लेकिन, इसमें आपकों चांद पर तारे नजर नहीं आ रहे हैं। थ्योरी के अनुसार ये तस्वीर भी फर्जी बताई जाती है। दरअसल अंतरिक्ष यात्री और चांद दोनों की सफेद रंग के हैं दोनों पर ही सूरज की लाइट पड़ रही है। आसमान काला दिख सकता है। यह वास्तव में चंद्रमा पर दिन का वक्त है। ऐसे में तारे जैसी धुंधली वस्तुएं दिखाई नहीं देंती हैं।
पृथ्वी का रेडिएशन
एक थ्योरी ये भी है कि अपोलो के अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की रेडिएशन को नहीं झेल पाते, ऐसे में चांद पर जाने का दावा झूठा है। लेकिन, जब आपका हाथ जलते हुए आग में जाता है तो जल्दी से आप हाथ हटा लेते हैं। उसी तरह जब अपोलो रिडिएशन जोन से निकला होगा तो रफ्तार इतनी तेज होगी की वह गुजर गया होगा। ऐसे में इस थ्योरी को भी खारिज किया जाता है।
लैंडिंग की परछाई
नासा की वेबसाइट पर आपको नील आर्मस्ट्रांग की परछाई वाली यह फोटो नजर आएगी। साथ ही दूसरी चीजों की भी परछाई एक दूसरे के पैरलर नहीं है। एक थ्योरी के अनुसार यह तस्वीर भी फेक मानी जाती है। कहा जाता है कि यह पृथ्वी पर ही कई लाइट्स के बीच चांद का इफेक्ट देने के लिए क्लिक की गई है। चांद पर केवल सूर्य ही लाइट का सोर्स है, तो परछाई बराबरी से बननी चाहिए। लेकिन, सूर्य की रोशनी में कई बार अलग-अलग नजरिए से देखने पर परछाई पैरलर नहीं बनती है। ऐसा आर्टिस्ट सहियों से अपनी पेंटिंग को थ्री डी इफेक्ट देने के लिए करते आ रहे हैं।
54 साल पहले यानी 20 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग ने चंद्रमा पर कदम रखा था। वे पहले मानवयुक्त चंद्र लैंडिंग मिशन अपोलो 11 के स्पेसक्राफ्ट कमांडर थे, इसलिए उन्हें इस अंतरिक्ष यान को चंद्रमा पर लैंड कराने और सतह पर पहला कदम रखने वाले पहले व्यक्ति होने का गौरव प्राप्त है। लेकिन वे सच में चांद पर उतरे थे या नहीं इस पर चल रहे विवाद को 50 से ज्यादा साल हो चुके हैं। सभी तस्वीरों पर दावा करने के साथ इससे जुड़ी थ्योरीज भी इसे सच साबित करती हैं।
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