भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट को चिंता का सबब मान लिया गया है। सरकार ने मंगलवार को इस वैरिएंट को नजर रखने योग्य की श्रेणी में डाला था, लेकिन कुछ घंटे बाद ही इसे ज्यागा गंभीर श्रेणी वैरिएंट ऑफ कन्सर्न में डालने की घोषणी करनी पड़ी। देश जब कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप से बाहर आ ही रहा है तब कोरोना वायरस के दूसरे वैरिएंट का पता लगना, मन में कई तरह की आशंकाएं पैदा कर रहा है। डेल्टा प्लस को लेकर आपके मन भी कई सवाल होंगे। आइए जानते हैं कि अब तक इस वैरिएंट को लेकर क्या-क्या जानकारियां सामने आ पाई हैं।
कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट (B.617.2) भारत ही नहीं दुनिया के तमाम देशों में चिंता बढ़ा ही रहा है। यह म्यूटेंट होकर डेल्टा प्लस या AY.1 में भी तब्दील हो गया है। डेल्टा वैरिएंट की स्पाइक में K417N म्यूटेशन जुड़ जाने का कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट बना है। K417N द. अफ्रीका में पाए गए कोरोना वायरस के बीटा वैरिएंट और ब्राजील में पाए गगए गामा वैरिएंट में पाया गया है। बहरहाल, वैज्ञानिक जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिए लगातार नजर बनाए हुए हैं और जल्द ही डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर जीनोम सीक्वेंसिंग बुलेटिन जारी हो सकती है।
डेल्टा की तरह डेल्टा प्लस से संक्रमण के मामले भी सबसे पहले भारत में मिले हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक भारत में डेल्टा प्लस वैरिएंट के 40 मामले सामने आए हैं जिसमें 16 महाराष्ट्र के जलगांव और रत्नागिरी में हैं। बाकी मामले केरल और मध्य प्रदेश में हैं। केरल के पलक्कड़ और पथनमथिट्टा में जबकि एमपी के भोपाल और शिवपुरी जिलों में इससे संक्रमित मरीज मिले हैं। दरअसल, जिन इलाकों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के मरीज मिले हैं वहां पॉजिटिविटी रेट काफी ज्यादा रही है। ऐसे में इन तीनों राज्यों को ज्यादा सतर्क रहने की हिदायत सरकार ने दी है और देश के अन्य सभी राज्यों को तीसरी लहर के मद्देनजर एहतियात बरतने के दिशा निर्देश भी दे दिए गए हैं।
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