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दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: मतदान में जुटे बड़े नेता, चुनावी माहौल में नई उम्मीदें और आरोपों का खेल

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की वोटिंग बुधवार सुबह 7 बजे से शुरू हो चुकी है, और इस बार चुनावी मैदान में उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है। इस बार कुल 70 विधानसभा सीटों पर मतदान हो रहा है। वोटिंग की शुरुआत में ही देशभर के बड़े नेता वोट डालने पहुंचे, जिनमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी शामिल हैं।

सुबह 11 बजे तक 19.95% मतदान दर्ज हुआ है, जो की एक सकारात्मक शुरुआत का संकेत देता है। इसके अलावा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अपनी पत्नी और माता-पिता के साथ वोट डालने पहुंचे। इस चुनाव को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने इसे ‘धर्मयुद्ध’ करार दिया, जिसमें सत्य और असत्य की लड़ाई होने का दावा किया। वहीं, बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने कहा कि यह चुनाव प्रधानमंत्री मोदी के विजन को दिल्ली में लागू करने का अवसर है।

चुनाव के दौरान कुछ विवाद भी सामने आए हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) के दो विधायकों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए हैं। विधायक दिनेश मोहनिया पर एक महिला ने फ्लाइंग किस देने का आरोप लगाया है, जबकि ओखला से AAP विधायक अमानतुल्लाह खान पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का केस दर्ज किया गया है।

प्रियंका गांधी ने वोट डालने के बाद जनता से अपील की कि वे अपने वोट का अधिकार जरूर इस्तेमाल करें, ताकि दिल्ली की समस्याओं का हल निकाला जा सके। कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने शीला दीक्षित के कार्यकाल की याद दिलाते हुए लोगों से कांग्रेस को समर्थन देने की अपील की।

दिल्ली में मतदान के दौरान पुलिस और चुनाव आयोग की भूमिका भी चर्चा का विषय रही। आतिशी ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस बीजेपी के पक्ष में काम कर रही है और उसे चुनावी प्रक्रिया में कोई खास दखल नहीं दिया जा रहा।

यह चुनाव इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार दिल्ली के लोग यह तय करेंगे कि क्या उन्हें पिछले कुछ सालों में आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से किए गए कामों को जारी रखना चाहिए या फिर कुछ नया देखने को मिलेगा। दिल्ली की जनता के सामने कई मुद्दे हैं—पानी, बिजली, सड़कों की स्थिति, शिक्षा और स्वास्थ्य।

इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुकाबला केवल पार्टियों के बीच नहीं, बल्कि उम्मीदवारों की नीतियों, उनके कामकाजी ट्रैक रिकॉर्ड और चुनावी प्रचार की शैली के बीच भी होगा। दिल्ली की जनता के मन में यही सवाल है कि कौन सरकार बनाएगा जो उनके जीवन को बेहतर बना सके।

दिल्ली के इस चुनावी माहौल में जनता के मन में एक उम्मीद है कि उनका वोट सही दिशा में जाएगा, और यही लोकतंत्र की असल ताकत है। चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप हमेशा होते हैं, लेकिन हमें चुनाव के माध्यम से लोकतंत्र की शक्तियों को समझना और उसका सही उपयोग करना चाहिए।