CATEGORIES

January 2025
M T W T F S S
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
Wednesday, January 22   8:44:29
CPI(M) General Secretary Sitaram Yechury

नहीं रहे CPI(M) महासचिव सीताराम येचुरी, JNU के छात्र से लेकर मार्क्सवादी राजनेता तक का सफर…

देश के वरिष्ठ वामपंथी नेता सीताराम येचुरी इस दुनिया को अलविदा कह गए हैं। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी माकपा के राष्ट्रीय महासचिव येचुरी लंबे वक्त से दिल्ली एम्स में वेटिलेटर पर थे। चेस्ट इन्फेक्शन की तकलीफ की वजह से उन्हें 19अगस्त को एम्स में एडमिट कराया गया था। कॉमरेड सीताराम येचुरी भारत के शीर्ष वामपंथी नेताओं में से एक थे। येचुरी ने सीपीआई (M) का साथ उस समय भी नहीं छोड़ा जब पार्टी का वर्चस्‍व खतरे में आ गया था। वो तमाम चुनौतियों के बावजूद लाल परचम लहराने की जिम्‍मेदारी पूरी शिद्दत से संभालते रहे।

आइए उनके जीवन और राजनीतिक सफर के कुछ प्रमुख पहलुओं पर नज़र डालते हैं:

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

  • सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास (अब चेन्नई), तमिलनाडु में हुआ था। उनका परिवार आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखता है।
  • उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई की और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से स्नातकोत्तर (MA) किया।
  • जेएनयू में पढ़ाई के दौरान ही वे छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए और 1974 में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए।

राजनीतिक करियर:

  • येचुरी ने 1975 में CPI(M) की सदस्यता ली और जल्द ही पार्टी के भीतर अपनी पहचान बनाई। आपातकाल के दौर में, वे छात्रों और युवाओं के बीच लोकप्रिय नेता बने।
  • 1984 में, उन्हें CPI(M) की केंद्रीय समिति का सदस्य चुना गया। इसके बाद 1992 में वे पोलित ब्यूरो के सदस्य बने, जो पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है।
  • सीताराम येचुरी को 2015 में पहली बार CPI(M) का महासचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद, वे 2018 में फिर से महासचिव चुने गए और अभी भी इस पद पर कार्यरत हैं।

संसद सदस्य के रूप में:

  • येचुरी ने भारतीय संसद में भी योगदान दिया है। वे राज्यसभा के सदस्य रहे हैं और विभिन्न संसदीय समितियों में कार्य किया है। राज्यसभा में उन्होंने अपने विचारों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया और वामपंथी दृष्टिकोण को उजागर किया।

विचारधारा और योगदान:

  • सीताराम येचुरी वामपंथी राजनीति के प्रबल समर्थक हैं और उन्होंने सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, और समानता जैसे मुद्दों पर लगातार अपनी आवाज़ उठाई है।
  • उन्होंने वामपंथी मोर्चों को मजबूत करने के लिए विभिन्न पार्टियों के साथ गठबंधन और बातचीत की रणनीति अपनाई है। येचुरी का मानना है कि भारतीय राजनीति में वामपंथी पार्टियों की भूमिका महत्वपूर्ण है, खासकर गरीबों और श्रमिकों के अधिकारों के लिए।

निजी जीवन:

  • सीताराम येचुरी की पत्नी सीमा चिश्ती एक पत्रकार हैं। उनका एक बेटा भी था, आशीष येचुरी, जिसकी 2021 में कोविड-19 से मृत्यु हो गई थी।

येचुरी का जीवन और करियर वामपंथी राजनीति की प्रमुखता और संघर्षों को दर्शाता है। वे एक मुखर वक्ता, लेखक और नेता हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीति में अपनी गहरी छाप छोड़ी है।