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PAWAGARDH

पावागढ़ में जैन तीर्थंकर की मूर्ति तोड़े जाने पर बढ़ा विवाद

तीर्थस्थल पावागढ़ पर शक्ति पीठ महाकाली माता मंदिर जाने के रास्ते में दादरा के दोनों किनारों पर लगी हजारों साल पुरानी जैन तीर्थंकरों की प्रतिमाओं को तोड़कर कचरे में फेंके जाने का विवाद बढ़ गया है। अब इस घटना को लेकर वडोदरा और अहमदाबाद में जैन समाज ने जिला कलेक्टर को शिकायत पत्र दिया है। इस घटना के बाद न सिर्फ वडोदरा, बल्कि अहमदाबाद, सूरत समेत राज्य भर में जैन समाज में भयंकर गुस्सा फूट पड़ा है। जैन साधु-संतों ने सूरत के अठवालाइन्स पर धरना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही दोषियों को सजा मिलने तक आंदोलन जारी रखने की धमकी दी है। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने भी उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।

जैन तीर्थंकरों की खंडित मूर्तियों की मरम्मत की मांग
पावागढ़ घटना के बाद आज (17 जून) वडोदरा, सूरत, अहमदाबाद समेत राज्य भर में जैन समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा जैन नेताओं ने वडोदरा में जिला कलेक्टर के आवास पर जाकर एक याचिका पेश की।

इस याचिका में मांग की गई है कि, ‘पावागढ़ में माताजी के मंदिर की सीढ़ियों के पास जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को अचानक उनके उचित स्थान से हटा दिया गया है। यह अधिनियम न केवल धार्मिक आस्था का अनादर करता है बल्कि धार्मिक प्रथाओं और पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए बनाए गए संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का भी उल्लंघन करता है। इसलिए हम प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं। हमारी मांग है कि तत्काल प्रभाव से तीर्थंकर की मूर्तियों को उनके उचित स्थान पर स्थापित किया जाए। इस घृणित कृत्य के लिए महाकाली मंदिर ट्रस्ट के जिम्मेदार ट्रस्टियों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई करें।’

गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने भी उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया

इस घटना के बाद सूरत के जैन समाज में काफी गुस्सा फूट पड़ा है. इस बीच घटना की गंभीरता को लेकर गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि ‘हमने जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को पुनर्स्थापित करने का आदेश दिया है. ऐतिहासिक थीं ये मूर्तियां इस मामले में राज्य सरकार के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेष पटेल ने कहा है कि ‘यह मामला हमारे संज्ञान में आया है. हमने ब्योरा मांगा है।’

जानिए क्या मायने रखता है

पावागढ़ तीर्थ विकास समिति का कहना है कि पावागढ़ पहाड़ी पर मंदिर तक जाने के लिए पुरानी सीढ़ियाँ हैं। गोखला के दोनों ओर 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान सहित 7 मूर्तियां हजारों वर्षों से स्थापित हैं। जैन लोग वहां प्रतिदिन सेवा पूजा के लिए जाते हैं। 20 दिन पहले इस पुरानी सीढ़ी को तोड़ने का काम शुरू किया गया था। उस वक्त, जैनियों ने कलेक्टर और एएसआई को एक शिकायत सौंपी थी, जिसमें यह आशंका व्यक्त की गई थी कि तोड़फोड़ की प्रक्रिया में जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को नुकसान पहुँचाया जाएगा। ये मूर्तियाँ संरक्षित स्मारक हैं।

हालाँकि, दादरा के विध्वंस के दौरान जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों को तोड़कर कूड़े में फेंक दिया गया था। जैन समाज ने इस बारे में पहले ही चेतावनी दे दी थी, लेकिन तंत्र ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

एक ओर जहां समाज के लोग इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी लोगों का गुस्सा फूट रहा है। नीचे देखें लोगों की इस विवाद में क्या प्रतिक्रिया आ रही है।

तीर्थ रक्षक देवेश जैन : विश्व जैन संगठन लिखते हैं,  “गुजरात के पावागढ़ तीर्थ क्षेत्र में महाकाली माताजी मंदिर के पास पुरानी सीढ़ियों के समीप विराजित जैन तीर्थंकरों की प्राचीन प्रतिमाएं हटाए जाने की घटना सामने आई है। इससे गुजरात सहित देश भर के जैन समाज में आक्रोश है। क्या इसी तरीके से हिंदू राष्ट्र बनाओगे क्या कुछ तो बोलो मोदी जी??”

TanviSolanki_ ने एक्स पर पोस्ट किया, “16 जून 2024, गुजरात के पावागढ़ में हमारे तीर्थ को तहस नहस करनेवाले सुरेंद्र पटेल अशोक पंड्या और विक्रम मैनेजर ने हमारे प्राचीन जैन श्वेतांबर मूर्तियों और सदियों पुरानी मूर्तियों को तोड़कर हमारी गहरी आस्था को ठेस पहुंचाई है।हम जैन समाज उनकी तत्काल सम्मानजनक पुनर्स्थापना, गुजरात के पावागढ़ में प्राचीन जैन प्रतिमाओं को तोड़ने के विरोध में विशाल विरोध प्रदर्शन मंगलवार 18 जून 2024 प्रातः 10 बजे जिलाधिकारी कार्यालय, मेरठ। विश्व श्रमण संस्कृति श्रीसंघ, मेरठ।”

Veer_Shasan ने पोस्ट कर लिखा, ” जहा हमारी नींद भी नहीं खुल रही उस समय छोटे – छोटे मुनिवर जिनशासन की रक्षा के लिए निकल गए है…आओ, जिनशासन प्रेमीओ, हमारे तीर्थक्षेत्र पावागढ़ की सुरक्षा के लिए अभी तुरंत कलेक्टर Office पहुंचे।#Save Pavagadh
#Save Jinshasan”