नई दिल्ली: विपक्ष के नेता राहुल गांधी का संसद में दिया गया भाषण देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। राहुल गांधी ने अपने संबोधन में भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर सवाल उठाए और अहिंसा और सत्य की शिक्षा पर जोर दिया। (INDI) गठबंधन के नेताओं ने भी राहुल गांधी का समर्थन किया।
राहुल गांधी ने कल भगवान भोलेनाथ की तस्वीर के साथ बोलते हुए कहा कि आज के हिंदू हिंसा और असत्य के पीछे पड़े हैं। इसके बाद बीजेपी ने इसे हिंदुओं पर बड़ा आरोप बताया और राहुल गांधी से माफी की मांग की। इस पर राहुल गांधी ने आज कहा, “मोदी जी की दुनिया में सत्य को मिटाया जा सकता है, लेकिन वास्तव में सत्य को मिटाया नहीं जा सकता। मुझे जो कहना था, मैंने कह दिया, वही सत्य है।” वही राहुल गांधी ने इसके साथ ही अभय मुद्रा की बात की थी उसके उप्पर भी कई सवाल उठ रहे है उस मुद्रा को राहुल गांधी अपने कांग्रेस चिन्ह से जोड़ रहे है। इसपर भी NDA राहुल गांधी से कई प्रकार के सवाल कर रही है।
केंद्रीय मंत्री और जेडी(एस) सांसद एचडी कुमारस्वामी ने एनडीए की बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने और लोगों के पक्ष में काम करने की सलाह दी।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने राहुल गांधी के भाषण का समर्थन करते हुए कहा, “राहुल गांधी ने कहा कि हिंदू कभी हिंसक नहीं हो सकता, वह कभी नफरत नहीं फैला सकता। हिंदुओं के नाम पर ऐसी बातें नहीं कही जानी चाहिए। अगर आप इसे इस तरह से ले रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आप मुद्दों पर चर्चा से भागना चाहते हैं।”
बीजेपी नेताओं द्वारा माफी की मांग पर इमरान मसूद ने कहा, “किसलिए? क्या राहुल गांधी हिंदू नहीं हैं? वह भगवान शिव के उपासक हैं। उन्होंने हिंदू धर्म की शिक्षाओं के बारे में बात की।”
अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के नेता राहुल गांधी के सवालों का जवाब कैसे देते हैं। प्रधानमंत्री मोदी आज संसद में गंभीर मूड में दिखाई दिए। इस मुद्दे पर सियासत कब तक गर्म रहती है, यह देखने योग्य होगा।

More Stories
पाकिस्तान में मंदिरों के लिए 30 करोड़ रुपए खर्च, जानें सरकार का मास्टर प्लान
“छावा” ने तोड़ा रिकॉर्ड: विक्की कौशल की फिल्म ने पार किया ₹400 करोड़ का आंकड़ा, ब्रह्मास्त्र को भी पछाड़ा
54 साल में पहली बार बांग्लादेश-पाकिस्तान के बीच बढ़ी नजदीकियां, जानें भारत पर क्या असर होगा?