दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। शनिवार को AAP सांसद संजय सिंह ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए, जिसमें उन्होंने कहा कि भाजपा दिल्ली के बाहर से लोगों को लाकर उनके नाम पर फर्जी वोटर आईडी बनवा रही है।
संजय सिंह का आरोप: भाजपा कर रही है धांधली
संजय सिंह ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा चुनाव आयोग की आंखों में धूल झोंक रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं का एक बड़ा समूह दिल्ली में अपने बंगले पर कई वोटर आईडी बनवा रहा है, जो चुनावी धांधली का स्पष्ट उदाहरण है। उनका दावा था कि भाजपा के नेता, जिनमें केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी और सांसद जयप्रकाश हरदोई भी शामिल हैं, दिल्ली में अपने बंगले पर 25 से ज्यादा वोटर आईडी बनवाने की एप्लीकेशन दे चुके हैं।
संजय सिंह ने भाजपा के नेता प्रवेश वर्मा पर भी आरोप लगाया और एक दस्तावेज पेश किया, जिसमें उन्होंने प्रवेश वर्मा द्वारा अपने बंगले के पते पर 35 वोटर आईडी बनवाने की एप्लीकेशन दी जाने का दावा किया। उन्होंने इसे मोदी के चुनावी जीतने के “फर्जी तरीके” के रूप में बताया।
बीजेपी का जवाब: पोस्टर वॉर और आरोप-प्रत्यारोप
AAP और BJP के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला केवल बयानों तक सीमित नहीं रहा। दोनों दलों के बीच पोस्टर वॉर भी तेज हो गया है। AAP ने BJP को “भारतीय गाली-गलौज पार्टी” करार दिया और पोस्टरों में लिखा कि गाली-गलौज करने वाली पार्टी से बचें और फिर से केजरीवाल को चुनें। इस पर BJP ने जवाबी हमला किया और केजरीवाल को “आपदा-ए-आजम” और “महाठग” के रूप में पेश किया, साथ ही एक एडिटेड वीडियो और पोस्टर भी जारी किया।
बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी तीखा हमला किया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने कोविड-19 के दौरान “शीशमहल” बनाने में करोड़ों रुपये खर्च किए, जो भ्रष्टाचार का प्रतीक है। सचदेवा ने कहा कि दिल्ली की जनता अब इस “आपदा” से मुक्ति चाहती है।
दिल्ली में चुनावी सरगर्मी बढ़ी
दिल्ली चुनाव के बीच दोनों दलों के बीच शब्दों की जंग तीव्र होती जा रही है। इस बार के चुनाव में ना केवल सियासी रणनीतियां बदल रही हैं, बल्कि व्यक्तिगत आरोपों का भी भारी बोलबाला है। दिल्ली के मतदाताओं के लिए यह एक कड़ा मुकाबला साबित होगा, क्योंकि हर पक्ष अपने-अपने तरीके से जनता का विश्वास जीतने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहा है।
दिल्ली चुनाव से पहले यह आरोप-प्रत्यारोप और पोस्टर वॉर केवल चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं, लेकिन इसने राजनीतिक माहौल को और भी गरमा दिया है। जिस तरह से दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रही हैं, यह साफ दिखाता है कि इस बार के चुनाव में हार-जीत की उम्मीदें ज्यादा नजदीक हैं। हर पार्टी अपनी पूरी ताकत लगा रही है, और यह तय करना दिल्ली की जनता पर निर्भर करेगा कि वे किसकी नीति और कामकाजी शैली को पसंद करते हैं।
इस चुनावी महाकुंभ में हर वोट की अहमियत बढ़ गई है, और इस बार के चुनाव में जो जीत हासिल करेगा, वह निश्चित रूप से सत्ता की न केवल बल्कि जनता की दिलों में भी अपनी जगह बनाएगा।
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