शिमला के संजौली इलाके में बुधवार को हिंदू संगठनों द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन एक मस्जिद में कथित अवैध निर्माण को लेकर था, जिसने इलाके में सांप्रदायिक तनाव को भड़काया। सुबह धल्ली क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए और उन्होंने निर्माण कार्य के खिलाफ नारेबाजी की।
स्थिति को बिगड़ते देख, जिला प्रशासन ने इलाके में धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की, जो बुधवार सुबह 7 बजे से रात 11.59 बजे तक प्रभावी रहेगी। इस आदेश के तहत बिना अनुमति पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर प्रतिबंध लगाया गया है, साथ ही लाठी, तलवार, चाकू और अन्य हथियार ले जाने पर भी रोक है।
हिंदू संगठनों ने बुधवार को बंद का आह्वान किया था, जिसमें मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने और बाहरी लोगों के पंजीकरण की मांग की गई। पिछले सप्ताह भी शहर के चौड़ा मैदान इलाके में इसी मांग को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए गए थे।
प्रदर्शनों के बीच, 30 अगस्त को दो समुदायों के बीच हुई झड़प ने हालात को और अधिक गंभीर बना दिया। इसके मद्देनजर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को राज्य में सड़क विक्रेताओं के लिए एक नीति बनाने और उनकी पूरी तरह से जांच-परख के बाद ही लाइसेंस जारी करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने 11 दिवसीय मॉनसून सत्र के अंतिम दिन विधानसभा में कहा कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए या तो कैबिनेट उप-समिति या विधानसभा समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में विभिन्न समुदायों के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है, चाहे वह कांग्रेस हो या बीजेपी। साथ ही, अवैध गतिविधियों पर कानून के तहत सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
हिमाचल प्रदेश, जहां विभिन्न समुदाय वर्षों से एक साथ शांति से रहते आए हैं, वहां हाल ही में बढ़ते तनाव से चिंताएं गहराती जा रही हैं।
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