गुजरात के पाटण जिले में एक दिल दहला देने वाले बाल तस्करी के मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें एक फर्जी डॉक्टर ने बच्ची को गोद दिलाने के नाम पर निःसंतान दंपती से 1.20 लाख रुपये ठग लिए। इस मामले में फर्जी डॉक्टर समेत तीन आरोपी रिमांड पर हैं। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे एक और बच्ची को बेचने की फिराक में थे, लेकिन उसकी मौत हो गई और उन्होंने उसे बनास नदी के किनारे दफना दिया। हालांकि, पुलिस की खुदाई में केवल नमक बरामद हुआ।
कैसे हुआ खुलासा?
यह मामला तब उजागर हुआ, जब ठगे गए दंपती ने पैसे वापस मांगने पर आरोपी डॉक्टर की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई। जांच में सामने आया कि आरोपी डॉक्टर सुरेश ठाकोर ने अप्रैल 2024 में एक नवजात बच्ची को निःसंतान दंपती को 1.20 लाख रुपये में बेचा था। बच्ची बीमार थी और कुछ ही दिनों में उसकी हालत बिगड़ने लगी। जब दंपती ने बच्ची को लौटाया, तो आरोपी डॉक्टर ने बच्ची को डीसा के बाहरी इलाके में छोड़ दिया।
मौत और गुमशुदगी की गुत्थी
पुलिस ने जब गहराई से जांच की, तो एक और नवजात बच्ची का मामला सामने आया। आरोपियों ने बताया कि यह बच्ची भी बेचने के लिए लाई गई थी, लेकिन उसकी अचानक मौत हो गई। इसके बाद आरोपी सुरेश ठाकोर और उसके सहयोगियों ने बच्ची को बनास नदी ब्रिज के नीचे दफना दिया। पुलिस ने मौके पर जाकर दिनभर खुदाई की, लेकिन वहां से केवल नमक बरामद हुआ।
पुलिस को शक है कि आरोपियों ने मामला उजागर होने के डर से बच्ची के शव को कहीं और शिफ्ट कर दिया है।
फर्जी डॉक्टरों का गिरोह
इस मामले में तीन आरोपी—सुरेश ठाकोर, शिल्पा ठाकोर और रूप सिंह ठाकोर—मुख्य भूमिका में हैं। इनमें सुरेश ठाकोर फर्जी डॉक्टर है, जिसने अनाथ बच्चों को गोद दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने का गोरखधंधा चला रखा था।
न्याय प्रणाली और प्रशासन को चाहिए कि इन अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए, ताकि कोई और निर्दोष बच्चा इस घिनौने कृत्य का शिकार न बने।
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