गुजरात में फिलहाल चांदीपुरम वायरस हाहाकार मचा रहा है, वड़ोदरा जिला के सावली तालुका के मणिपुरा में चांदीपुरम वायरस का केस पॉजिटिव आने पर यहां दहशत देखी जा रही है।
मणिपुरा के 6 साल के बच्चे विष्णु की वायरस से मौत हो गई है जिसकी पुष्टि होने के बाद वडोदरा जिला स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। अलग-अलग टीम बनाकर तालुका के विभिन्न गांव में सर्वे और दवाई का छिड़काव शुरू कर दिया गया है। एक और बरसाती माहौल है और ऐसे में वायरस ने लोगों में डर पैदा कर दिया है।
क्या है चांदीपुरा वायरस
चांदीपुरा वायरस एडिनो-एसोसिएटेड वायरस (Adeno-Associated Virus – AAV) का एक प्रकार है, जो श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। यह वायरस मुख्य रूप से 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को संक्रमित करता है, लेकिन बड़े वयस्कों को भी प्रभावित कर सकता है।
चांदीपुरा वायरस के लक्षण:
- बुखार
- खांसी
- बहती नाक
- गले में खराश
- सांस लेने में तकलीफ
- निमोनिया (गंभीर मामलों में)
यह वायरस कैसे फैलता है?
चांदीपुरा वायरस दूसरे वायरस की तरह ही संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फैलता है।
चांदीपुरा वायरस का इलाज:
इस वायरस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है। लक्षणों का इलाज आराम, तरल पदार्थ और दवाओं (जैसे कि दर्द निवारक और बुखार कम करने वाली दवाएं) से किया जाता है। गंभीर मामलों में, अस्पताल में भर्ती और ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है।
कैसे करें चांदीपुरा वायरस से बचाव:
- बार-बार हाथ धोना
- संक्रमित व्यक्ति से संपर्क से बचना
- खांसते या छींकते समय नाक और मुंह को ढंकना
- दूषित सतहों को छूने से बचना
- यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि चांदीपुरा वायरस आमतौर पर हल्का होता है और ज्यादातर लोग बिना किसी गंभीर जटिलता के ठीक हो जाते हैं।
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