(नलिनी रावल)
छोटाउदेपुर के महाराजा वीरेंद्रप्रताप सिंह की मृत्यु के बाद जायदाद के विवाद के बीच राज परिवार के बड़े बेटे जय प्रताप सिंह की पत्नी के चार बच्चों के साथ गृह त्याग के साथ परिवार के विवाद सतह पर आए हैं।
भारत का इतिहास राजपरिवारों की विरासत के विवाद को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहता है। ऐसा ही एक किस्सा छोटाउदेपुर के राज परिवार का मामला सामने आया है। छोटाउदेपुर के चौहान राजवंश परिवार के स्वर्गीय महाराजा वीरेंद्रप्रताप सिंह चौहान का जून 2005 में निधन हो गया था। उनके निधन के बाद कुसुम विलास पैलेस समेत करोड़ों की जायदाद की विरासत को लेकर बड़े बेटे जयप्रताप सिंह, ऐश्वर्यप्रताप सिंह और भवानीप्रताप सिंह के बीच कानूनी जंग चल रही है।
इसी दौरान जय प्रताप सिंह और तनवीर की 22 से 25 साल की शादी भी खत्म होने की कगार पर है। करीब 11 दिन पहले उनकी पत्नी तनवीर अपने चार बच्चों को लेकर अपने पिता रहीम मियां चांद मियां सौदागर के घर वापस चली गई है। इसी घटना के साथ जय प्रताप सिंह ने नोटिस दी है, कि पत्नी और बच्चे उनके सामाजिक और ऐतिहासिक परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी विधर्मी प्रवृत्तियां कर उनको बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उनकी पत्नी और बच्चे उनके परिवार के नियमों के अनुसार नहीं रहते हैं, और घर का उन्होंने त्याग किया है, इसलिए उन्होंने उनके साथ सामाजिक और पारिवारिक संबंध तोड़ दिए हैं ,और उनकी पारिवारिक संपत्ति से बेदखल कर दिया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार महाराजा वीरेंद्रप्रताप सिंह ने मृत्यु से पहले पैलेस समेत सारी जायदाद के व्यवस्थापन के जिम्मेदारी ऐश्वर्यप्रताप सिंह को सौंपी थी, जो उनके दूसरे नंबर के पुत्र है। इसी मुद्दे को लेकर जयप्रताप सिंह ने कानूनी जंग शुरू की है।
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