मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज का आज 394 वां जन्मदिन है। महाराष्ट्र और पूरे देश में आज इस महान योद्धा को याद करते हुए जश्न मनाया जा रहा है। छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार ने श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने चेंबूर में शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की। शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम ने इस अवसर को चिह्नित करने के लिए शिवनेरी किले में ‘पालना समारोह’ सहित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनको याद करते हुए X पर एक पोस्ट डालते हुए कहा कि “छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर शुभकामनाएं। दूरदर्शी नेता, निडर योद्धा, संस्कृति के संरक्षक और सुशासन के प्रतीक, उनका जीवन पीढ़ियों के लिए प्रेरणा रहा है।” उन्होंने एक वीडियो डाला है जिसमें पीएम ने शिवाजी महाराज के ग्राफिक प्रदर्शन के साथ, खुदकी आवाज़ में वॉइसओवर देते हुए उस प्रसिद्ध मराठा राजा के सांस्कृतिक इतिहास और महत्व के बारे में बताया है।
इन्हीं के साथ कांग्रेस नेता राहुल गाँधी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी X पर पोस्ट करते हुए शिवाजी को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
शिवाजी का जन्म और उनके महत्वपूर्ण कार्य
शिवाजी का जन्म 1630 में जिले के जुन्नार तहसील के शिवनेरी में हुआ था। शिवाजी को मराठा साम्राज्य की स्थापना करने वाले सबसे महान मराठा शासकों में से एक माना जाता है। इसलिए 19 फरवरी उनकी जयंती के नाम से जानी जाती है। यह दिन एक प्रकार का महाराष्ट्रीयन त्योहार है जिसे पूरे राज्य में बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। शिवाजी को उनकी बहादुरी और वीरता के लिए याद किया जाता है। इस दिन लोग उन्हें देश के लिए लड़ने के लिए सम्मानित करते हैं।
उनके पिता शाहजी भोंसले एक प्रमुख मराठा सेनापति थे और उनकी मां जीजाबाई ने उनके चरित्र को आकार देने और उनमें गर्व और दृढ़ संकल्प की भावना पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जीजाबाई, एक कट्टर हिंदू अनुयायी, का शिवाजी महाराज के जीवन पर बहुत प्रभाव था। जैसे-जैसे वह बड़े हुए, शिवाजी महाराज उस समय के भारत के अशांत राजनीतिक परिदृश्य के बीच एक सॉवरेन मराठा साम्राज्य स्थापित करने के मिशन पर निकल पड़े।
उनकी सबसे महत्वपूर्ण लड़ाइयों में से एक प्रतापगढ़ की लड़ाई थी, जहाँ उन्होंने शक्तिशाली अफजल खान को हराया था। इस जीत ने न केवल शिवाजी महाराज को एक दुर्जेय शक्ति के रूप में स्थापित किया, बल्कि उनके अनुयायियों का मनोबल भी बढ़ाया। उनके बाकी महत्त्वपूर्ण कार्य रायगढ़ पर कब्ज़ा, सूरत पर छापा (1664), नौसेना अभियान, और मराठा नौसेना की स्थापना थे।
गोवा के हालात
एक ओर पूरे महाराष्ट्र और देश में उत्सव का माहौल है, तो वहीं दूसरी ओर गोवा में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा लगाने के कारण दंगे और विवाद शुरू हो गए हैं। शांति बनाए रखने के लिए वहां पुलिस बल तैनात किया गया है।
यह मूर्ति रविवार शाम को स्थापित की गई थी, और जब गांव के एक समूह ने आपत्ति जताई, तो पुलिस ने कहा कि उन्हें तितर-बितर कर दिया गया क्योंकि मूर्ति प्राइवेट प्रॉपर्टी वाली ज़मीन पर स्थापित की गई थी।
गोवा के समाज कल्याण मंत्री सुभाष फाल देसाई ने कहा, ”मेरे हिसाब से जब प्रतिमा निजी भूखंड पर स्थापित की गई है तो किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। मूर्ति स्थापित करने वालों ने अपेक्षित अनुमति के लिए पंचायत में आवेदन किया है और स्थापना के लिए प्रतिनिधित्व दिया है और डिप्टी कलेक्टर कार्यालय को भी सूचित किया है। इसके बावजूद, कुछ ग्रामीण या मुझे नहीं पता कि वे कहां से आए…मुझे पता चला कि लोगों को आने और उपद्रव पैदा करने के लिए कुछ राजनीतिक उकसावे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “अगर उनके पास कोई मुद्दा है, तो उन्हें कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा करने के बजाय अदालत में जाना चाहिए। यहां भूमि के प्रयोजन में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। अगर मैं [निजी संपत्ति पर] अपने भगवान या नेता की मूर्ति लगाना चाहता हूं, तो कोई मुझे नहीं कह सकता कि मैं ऐसा नहीं कर सकता।”
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