Chhath Puja : छठ पर्व मुख्य रूप से सूर्य देव और छठी मइया की पूजा का अवसर है, जिसमें भक्त अपने परिवार और संतान की खुशहाली की कामना करते हैं। आज शाम को श्रद्धालु नदी और तालाब के किनारे इकट्ठा होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे, जो छठ पूजा का महत्वपूर्ण चरण है। क्या आपको पता दें कि इस पूजा की शुरुआत कहां से हुई थी!
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसकी शुरुआत भगवान राम और सीता ने अयोध्या लौटने के बाद की थी। छठ पूजा सबसे पहले माता सीता और भगवान राम द्वारा लंका से युद्ध में विजयी होकर लौटने के बाद बिहार के गंगा घाट पर की गई थी। तब से यह परंपरा चली आ रही है।
इस साल छठ पूजा पर्व की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय-खाय यानी स्नान और सात्विक भोजन के साथ हुई थी। दूसरे दिन छोटी छठी मनाने के बाद श्रद्धालु 36 घंटे का व्रत रखते हैं। उसके बाद आज बड़ी छठी मनाई जाएगी, जिसमें शाम 5 बजे से सूर्यास्त तक नदी में खड़े होकर डूबते सूर्य और छठी मैया की पूजा की जाएगी।
इसके बाद शुक्रवार को भोर से सूर्योदय तक नदी तट पर उगते सूर्य की पूजा की जायेगी। इस दौरान मीठी पूड़ी, मीठे चावल (बखीर) सहित फल और कच्ची सब्जियां जैसे दलवी, कद्दू आदि खाए जाते हैं और फिर उनकी सब्जियों से घर पर प्रसाद बनाया जाता है।
More Stories
Gold Silver Price Hike: सोने-चांदी की कीमतों में उछाल, सोना पहली बार 80 हजार के पार
कोटा में अहमदाबाद की छात्रा ने की आत्महत्या, 22 दिनों में 5वीं घटना, NEET की कर रही थी तैयारी
वडोदरा की नर्मदा कैनाल में एक और हादसा, कुत्ते को बचाने की कोशिश में युवक की दर्दनाक मौत