भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की फिटनेस को लेकर एक अहम अपडेट सामने आया है। चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो चुका है, लेकिन बुमराह का खेलना अभी भी पूरी तरह से सुनिश्चित नहीं है। भारतीय चयन समिति को 11 फरवरी तक अंतिम स्क्वाड में बदलाव करने का विकल्प दिया गया है, और इसी को ध्यान में रखते हुए बुमराह को अब बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) में मेडिकल परीक्षण से गुजरना होगा।
बुमराह की फिटनेस पर कड़ा इम्तिहान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जसप्रीत बुमराह अगले 2-3 दिनों तक NCA में मेडिकल विशेषज्ञों की निगरानी में रहेंगे। उनकी पूरी जांच के बाद ही चयन समिति को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके आधार पर तय होगा कि वह चैंपियंस ट्रॉफी में खेलेंगे या नहीं। इससे पहले, भारतीय चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर ने पिछले महीने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि बुमराह को पांच सप्ताह का आराम दिया गया है और वह इंग्लैंड के खिलाफ शुरुआती दो वनडे मैचों में नहीं खेलेंगे।
अब, बुमराह के पास अपनी मैच फिटनेस साबित करने के लिए केवल एक ही मौका बचा है—इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में। अगर वह इस मुकाबले में फिट और प्रभावी साबित होते हैं, तो ही उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए बरकरार रखा जाएगा।
क्या टीम इंडिया को जोखिम लेना चाहिए?
बुमराह भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की रीढ़ हैं, लेकिन उनकी लगातार चोटिल होने की प्रवृत्ति चिंता का विषय है। यह पहली बार नहीं है जब उनकी फिटनेस को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। 2022 में भी वह चोट के कारण टी20 वर्ल्ड कप से बाहर हो गए थे, जिसका असर टीम इंडिया के प्रदर्शन पर पड़ा था।
चयन समिति और टीम प्रबंधन के सामने अब एक बड़ी दुविधा है—क्या उन्हें बुमराह को लेकर कोई जोखिम लेना चाहिए? यदि बुमराह पूरी तरह से फिट नहीं हैं, तो उन्हें टीम में रखना भारत के लिए महंगा सौदा साबित हो सकता है। ऐसे में, भारतीय टीम को कोई बैकअप प्लान तैयार रखना होगा ताकि टूर्नामेंट के दौरान अचानक किसी संकट का सामना न करना पड़े।
फैसला जल्द, लेकिन क्या होगा सही?
अब टीम इंडिया के पास 11 फरवरी तक का ही समय बचा है। चयनकर्ताओं को फैसला करना होगा कि बुमराह को टीम में बनाए रखना सही होगा या फिर किसी और तेज गेंदबाज को मौका देना बेहतर रहेगा। अगर वह इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में प्रभावी प्रदर्शन नहीं कर पाते, तो उन्हें टूर्नामेंट से बाहर करने का फैसला लेना ही समझदारी होगी।
आखिरकार, एक टूर्नामेंट जीतने के लिए सिर्फ बड़े नाम नहीं, बल्कि पूरी तरह से फिट और लय में रहने वाले खिलाड़ी ही मायने रखते हैं।

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