यदि आप किसी कंपनी में जॉब करते हैं तो आपको Gratuity के बारे में तो जरूर पता होगा। जब कोई कर्मचारी किसी कंपनी में 5 साल से ज्यादा नौकरी करता है तो उसे ग्रेच्युटी (Gratuity) दी जाती है। केंद्र सरकार ने इन्ही ग्रेच्युटी के नियमों में परिवर्तन किया है। इसके अंतर्गत कैबिनेट ने ग्रेच्युटी की टैक्स फ्री लिमिट में इजाफा कर दिया है। इसके पहले ये सीमा 20 लाख रुपये थी। अब इसे बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया गया है।
इसका मतलब अब से 25 लाख रुपये तक की राशि के ग्रेच्युटी पर कोई भी टैक्स नहीं देना पड़ेगा। सरकार ने साल 2019 में ट्रैक्स फ्री ग्रेच्युटी की लिमिट 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की थी।
क्या होती है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी एक निश्चित राशि है जो किसी कर्मचारी को नौकरी छोड़ने पर उसके द्वारा कंपनी में दिए गए योगदान के लिए भुगतान किया जाता है। यह कर्मचारी के वेतन और सेवा अवधि के आधार पर गणना की जाती है।
ग्रेच्युटी के लिए पात्रता
- 5 वर्ष की निरंतर सेवा (बीमारी, छुट्टी, अधिकृत अनुपस्थिति, छंटनी, हड़ताल, तालाबंदी सहित) पूरी करने वाला कर्मचारी पात्र है।
- कर्मचारी को नौकरी से निकाला जाना चाहिए, इस्तीफा देना चाहिए, या सेवानिवृत्त होना चाहिए।
- कर्मचारी को कंपनी के नियमों और कानूनों का पालन करना चाहिए।
- मृत्यु, सेवानिवृत्ति या स्थायी विकलांगता के मामले में कम अवधि भी ग्रेच्युटी के लिए योग्य होती है।
ग्रेच्युटी एक्ट (Payment of Gratuity Act)
भारत में ग्रेच्युटी का भुगतान पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 द्वारा नियंत्रित होता है। यह एक्ट कुछ विशेष परिस्थितियों में योग्य कर्मचारियों को ग्रेच्युटी का भुगतान करने के लिए नियोक्ताओं को अनिवार्य करता है।
एक्ट की प्रयोज्यता:
यह कारखानों, खानों, तेल क्षेत्रों, बागानों, बंदरगाहों, रेलवे कंपनियों, दुकानों या अन्य प्रतिष्ठानों पर लागू होता है जो पिछले वर्ष में किसी भी दिन 10 या अधिक कर्मचारियों को रोजगार देते हैं।
ग्रेच्युटी के लिए पात्रता:
ग्रेच्युटी की गणना:
ग्रेच्युटी की राशि इस प्रकार गणना की जाती है: 15 दिन का वेतन * अंतिम वेतन * कुल सेवा (वर्षों में) / 26।
ग्रेच्युटी भुगतान पर ₹10 लाख की अधिकतम सीमा है।
मान लीजिए कि किसी कर्मचारी ने 20 साल एक ही कंपनी में काम किया है। उस कर्मचारी की आखिरी सैलरी 50000 रुपये है। यहां महीने में 26 दिन ही गिने जाते हैं क्योंकि यह माना जाता है कि जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है। वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है।
कुल ग्रेच्युटी की रकम = (50000) x (15/26) x (20)= 5,76,923 रुपये की ग्रेच्युटी होगी।
एक्ट के बारें में ये भी समझें
नामिती: कर्मचारी अपनी मृत्यु के मामले में ग्रेच्युटी प्राप्त करने के लिए लाभार्थियों को नामित कर सकते हैं।
छूट देने की शक्ति: सरकार कुछ प्रतिष्ठानों को अधिनियम से छूट दे सकती है।
विवाद: ग्रेच्युटी भुगतान के संबंध में विवादों का समाधान सरकार प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।
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