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PM Crop Insurance Scheme

नए साल में किसानों को केंद्र का तोहफा, पीएम फसल बीमा योजना के फंड आवंटन में बढ़ोतरी

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY): नए साल के पहले दिन केंद्र सरकार ने करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचाते हुए बड़ा फैसला लिया है। साल की शुरुआत में मोदी कैबिनेट ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के फंड आवंटन में वृद्धि की घोषणा की है। इसके साथ ही उर्वरक कंपनियों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाकर सब्सिडी में भी इजाफा किया गया है।

कैबिनेट ने फसल बीमा योजना के तहत फंड आवंटन बढ़ाकर ₹68,515 करोड़ कर दिया है। इसके अलावा, दावों के निपटारे को तेज करने के लिए एक विशेष फंड बनाने का भी निर्णय लिया गया है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने किसानों और उर्वरक कंपनियों को DAP उर्वरक के लिए अतिरिक्त सब्सिडी देने की घोषणा की है। इसके लिए ₹3,850 करोड़ का पैकेज पेश किया गया है। किसानों को ₹1,350 प्रति किलो की दर से DAP उपलब्ध कराया जाएगा, और इसका अतिरिक्त खर्च सरकार वहन करेगी।

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (2023-24)

सबसे बड़ी योजना: यह पॉलिसी घोषित करने के मामले में सबसे बड़ी योजना है और कुल प्रीमियम के आधार पर तीसरी सबसे बड़ी पॉलिसी है।
प्रभावी कार्यान्वयन: योजना 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है। इसके तहत 20 बीमा कंपनियां पंजीकृत हैं।
फसल सुरक्षा: बुवाई से लेकर कटाई और उसके बाद तक फसलों की पूर्ण सुरक्षा। नुकसान का आकलन बुवाई और फसल के मानकों के आधार पर किया जाएगा। प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान को कवर किया जाएगा।
फंडिंग पैटर्न: फसल बीमा योजना के तहत आवंटित फंड का वितरण पूर्वोत्तर राज्यों में 90:10 और अन्य राज्यों में 50:50 के अनुपात में किया जाएगा।
प्रीमियम दरें: किसानों के लिए प्रीमियम दर 1.5% से 5% तक है। प्रीमियम खर्च 16% से घटकर 11% हो गया है, जिससे ₹10,500 करोड़ की बचत होगी।

किसानों को होगा लाभ
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 4 करोड़ किसान पंजीकृत हैं, जिनमें से 55% किसान गैर-लोनधारी हैं। इस योजना के तहत 6 करोड़ हेक्टेयर कृषि भूमि का बीमा किया गया है। किसान इस योजना से संबंधित समस्याओं और शिकायतों को टोल-फ्री नंबर 14447 पर दर्ज करा सकते हैं। पिछले 8 वर्षों में किसानों को इस योजना के तहत ₹1.70 लाख करोड़ का भुगतान किया गया है।