साइबर फ्रॉड रोकने के लिए केंद्र ने डिजिटल स्ट्राइक कर बावन लाख सिम कार्ड्स रद्द किए।
देश में स्मार्ट फोन और इंटरनेट के प्रसार के साथ साथ हो रहे उपयोग के जहां फायदे है ,वही बढ़ते साइबर क्राइम चुनौती बनते जा रहे है। केंद्र सरकार ने साइबर फ्रॉड की रोकथाम को लेकर 17 अगस्त को महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
टेलीकॉम विभाग अनुसार अब सिम कार्ड बेचते डीलर्स के लिए पुलिस और बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है। वही जत्थे में सिम कार्ड्स की खरीद फरोख्त पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। साइबर फ्रॉड की रोकथाम के लिए डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 52 लाख मोबाइल कनेक्शन रद्द कर दिए हैं।
इसीके साथ 67,000 डीलर्स ब्लैक लिस्ट किए गए हैं ,और सिम कार्ड डीलर्स के खिलाफ 300 एफ.आई. आर. दर्ज हुई है ।यदि डीलर्स नियमों का भंग करते हैं तो उन्हें 10 लाख का दंड देना होगा। टेलीकॉम मंत्री अश्विनी वैष्णव अनुसार सिम कार्ड्स डीलर्स का वेरिफिकेशन ” लाइसेंस धारक” या संबंधित टेलीकॉम ऑपरेटर द्वारा किया जाएगा।
अब डीलर को नियुक्त करने से पहले वेरिफिकेशन के लिए प्रत्येक व्यापारी को अपने कारोबार संबंधित दस्तावेज समेत जानकारी एकत्र कर टेलीकॉम ऑपरेटर को देनी होगी। टेलीकॉम विभाग द्वारा बल्क कनेक्शन इश्यू करने की व्यवस्था रद्द कर दी गई है। उसके बदले बिजनेस कनेक्शन का कंसेप्ट प्रस्तुत होगा। जिसमें किसी भी बिजनेस ग्रुप, कॉरपोरेट, अथवा इवेंट के लिए सिम खरीदने के लिए विशेष व्यवस्था तैयार की जाएगी ।
यह सिम्स कंपनियों के रजिस्ट्रेशन के आधार पर दिए जाएंगे। यदि कोई कंपनी बल्क में सिम कार्ड खरीदती है तो उसे व्यक्तिगत केवाईसी भी कराना पड़ेगा।
यूं आम नागरिक की सुरक्षा के मद्देनज़र साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने कड़ा कदम उठाया है।
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