गुजरात के वड़ोदरा में स्थित खानकाहे रिफाईया में तीन दिवसीय उर्स शरीफ का शानदार कार्यक्रम आयोजित किया गया, जो कौमी एकता का एक अद्भुत प्रतीक बनकर उभरा। 1 से 3 अक्टूबर तक चले इस महोत्सव में हजरत मौलाना पीर सैयद फखरुद्दीन गुलाम हुसैन अल मसूद आमिर मियां रफाई साहब के 184वें उर्स शरीफ के अवसर पर अनेक धार्मिक आयोजन किए गए।
इस समारोह में श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देने के लिए नैयर बाबा और सैयद कमालुद्दीन रफाई साहब उपस्थित हुए। खानकाहे सजदा नशीन हजरत पीर सैयद कमालुद्दीन रफाई साहब के मार्गदर्शन में विभिन्न आयोजन किए गए, जिनमें जुलूस समेत कई उत्सव शामिल थे।
इस अवसर पर देश-विदेश से आए हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग एक साथ उपस्थित हुए, जो भारत के सामाजिक भाईचारे और एकता को प्रदर्शित करता है। यह एक ऐसा आयोजन है जो सभी धर्मों को एकजुट करता है और आपसी स्नेह और सम्मान को बढ़ावा देता है।
एकता और सौहार्द की भावना को बढ़ावा देने वाले ये उत्सव समाज को जोड़ने का काम करते हैं और हमें याद दिलाते हैं कि धर्म से ऊपर मानवता है। वड़ोदरा का यह उर्स शरीफ न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारत की संस्कृति और विविधता का जीवंत उदाहरण भी है।
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