केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय दूरसंचार विधेयक 2023 को मंजूरी दे दी है। हालाकि अभी सरकार इसे मौजूदा संसद सत्र में पेश की हड़बड़ी में नहीं है।
खबरों के अनुसार सरकार ने इस बिल से इंटरनेट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग सेवाओं को लेकर दूरसंचार नियमों के दायरे से छूट दी है।
सरकार ने सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किए गए मसौदा विधेयक में दूरसंचार सेवाओं के दायरे में इंटरनेट आधारित संचार सेवाओं, उड़ान और समुद्री कनेक्टिविटी सेवाओं, पारस्परिक संचार सेवाओं, मशीन-टू-मशीर संचार सेवाओं और ओटीटी (ओवर-द-टॉप) संचार सेवाओं को शामिल करने का प्रस्ताव दिया है।
यह विधेयक तीन कानूनों…भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933 और टेलीग्राफ वायर (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम, 1950 का स्थान लेगा।
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