CATEGORIES

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
Friday, February 28   8:04:41

उपचुनाव 2024: 50 सीटों पर उलटफेर, भाजपा और ममता बनर्जी ने किया अपना दबदबा साबित, विपक्षी दलों को लगे जोरदार झटके

भारत में हाल ही में हुए उपचुनावों के नतीजे एक बार फिर से राजनीति के गहरे बदलाव को दर्शाते हैं। 14 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों पर हुए इस उपचुनाव में कुछ दलों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया, जबकि अन्य दलों को कड़ा झटका लगा।

उत्तर प्रदेश में भाजपा की झड़ी

उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने शानदार प्रदर्शन किया। कुल नौ विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए, जिनमें से भाजपा ने अधिकांश सीटें अपने नाम की। खास तौर पर मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट पर भाजपा के गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल ने समाजवादी पार्टी (सपा) को हराया। इसके अलावा, कुंदरकी, गाजियाबाद, अलीगढ़ और मैनपुरी जैसी सीटों पर भी भाजपा ने समाजवादी पार्टी को हराया।

उल्लेखनीय है कि सीसामऊ और मझवां जैसी सीटों पर भी भाजपा की हार हुई, लेकिन कुल मिलाकर राज्य में भाजपा का परचम लहराया।

पश्चिम बंगाल में ममता का दबदबा

पश्चिम बंगाल के उपचुनावों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने सभी छह सीटों पर जीत दर्ज की। यहां भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। खासकर, नैहाटी और सिताई जैसे क्षेत्रों में टीएमसी ने भारी मतों से जीत हासिल की, जिससे यह साबित हो गया कि ममता की लोकप्रियता अभी भी बरकरार है।

राजस्थान में भाजपा की ऐतिहासिक जीत

राजस्थान में हुए उपचुनावों में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया। भाजपा ने कुल सात सीटों में से पांच पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस केवल दो सीटों पर ही कब्जा कर पाई। झुंझुनूं और रामगढ़ जैसी महत्वपूर्ण सीटों पर भाजपा की जीत ने यह साबित कर दिया कि राज्य में भाजपा का मजबूत आधार है।

कर्नाटक में कांग्रेस ने किया पलटवार

कर्नाटक में हुए उपचुनावों में कांग्रेस ने पूरी तरह से भाजपा को मात दी। शिगगांव, संदूर और चन्नापटना जैसी सीटों पर कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की। खासतौर पर, चन्नापटना सीट पर कांग्रेस के सीपी योगीश्वर ने भाजपा के प्रत्याशी को भारी मतों से हराया, जिससे यह संकेत मिलता है कि कर्नाटक में भाजपा को आने वाले समय में और भी संघर्ष करना पड़ेगा।

गुजरात और छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत

गुजरात में एकमात्र उपचुनाव हुआ, जहां भाजपा ने कांग्रेस को हराया। वहीं, छत्तीसगढ़ में रायपुर सिटी साउथ सीट पर भाजपा के सुनील कुमार सोनी ने कांग्रेस के आकाश शर्मा को हराया। इन दोनों राज्यों में भाजपा ने अपनी पकड़ मजबूत की है, जो आगामी चुनावों के लिए एक अच्छी संकेत है।

केरल में कांग्रेस और सीपीआई का जलवा

केरल में दो सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस ने एक सीट जीती, जबकि सीपीआई ने दूसरी सीट पर विजय प्राप्त की। पालक्काड सीट पर कांग्रेस के राहुल ममकूटथिल ने भाजपा को हराया, वहीं चेलाक्कारा सीट पर सीपीआई के यू आर प्रदीप ने कांग्रेस को मात दी।

लोकसभा उपचुनाव: प्रियंका गांधी की एंट्री और भाजपा की जीत

लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड सीट से शानदार जीत दर्ज की, जो उनके राजनीतिक करियर के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। वहीं, महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट पर भाजपा ने कांग्रेस को हराकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।

सिक्किम और बिहार में स्थानीय दलों की जीत

सिक्किम में दोनों विधानसभा सीटों पर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी ने निर्विरोध जीत दर्ज की। वहीं, बिहार में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए, जिसमें भाजपा ने दो सीटों पर जीत हासिल की, जबकि जेडीयू और हम (सेकुलर) ने एक-एक सीट पर विजय प्राप्त की।

मध्य प्रदेश और असम में भाजपा का दबदबा

मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की, लेकिन असम में भाजपा ने चार सीटों पर कब्जा किया। असम की ढोलाई और बेहाली जैसी सीटों पर भाजपा ने कांग्रेस को हराया, जिससे राज्य में भाजपा का प्रभाव और बढ़ा।

यह उपचुनाव नतीजे इस बात का संकेत हैं कि भारतीय राजनीति में बदलाव आ रहा है। जहां भाजपा ने कई राज्यों में जीत की झड़ी लगाई है, वहीं विपक्षी दलों को अपनी रणनीतियों में सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है। भाजपा का चुनावी माहौल में एक ठोस दबदबा दिखाई दे रहा है, लेकिन विपक्ष के लिए यह समय आत्ममंथन का है, ताकि वे अगले चुनावों में बेहतर परिणाम दे सकें।

सभी राज्यों में उपचुनावों के परिणामों ने यह स्पष्ट किया कि चुनावी मैदान में किसी को हल्के में नहीं लिया जा सकता। आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा को कड़ी चुनौती मिल सकती है, लेकिन विपक्ष को अपनी रणनीति में बड़े बदलाव करने होंगे ताकि वे सत्ता की राह पर फिर से कदम रख सकें।