17-06-22
उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से तीन दिन में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा-‘बिना नोटिस बुलडोजर कार्रवाई नहीं हो सकती, लेकिन कोर्ट बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक नहीं लगा सकता। बस सरकार को कानून के मुताबिक कार्रवाई करने के लिए कह सकता है।’ अगली सुनवाई 21 जून को होगी। यूपी में पिछले हफ्ते हुई हिंसा के बाद दंगाइयों के घर राज्य सरकार ने बुलडोजर चलवाया था।
योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने याचिका दाखिल की है। जमीयत की मांग है कि बुलडोजर की कार्रवाई को रोका जाए। अवैध रूप से घरों में तोड़फोड़ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया जाए। सुनवाई के दौरान जमीयत ने कहा कि सरकार ने बिना नोटिस दिए बुलडोजर की कार्रवाई की है।
दरअसल, प्रयागराज में पुलिस ने 10 जून को हुई हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप नाम के शख्स को बताया था। इसके बाद प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अफसरों ने जावेद के मकान को अवैध बताते हुए ढहा दिया था। जमीयत का आरोप है कि अफसरों ने बिना कानूनी प्रक्रिया के मनमाने ढंग से जावेद का घर ढहाया है।
याचिका में लिखा गया है कि जिस मकान को प्राधिकरण ने ढहाया है उसका मालिक जावेद नहीं, बल्कि उसकी बीवी परवीन फातिमा का है। यह घर परवीन को शादी से पहले उनके माता-पिता ने गिफ्ट किया था। चूंकि जावेद का ये मकान नहीं है, इसलिए उस मकान को गिराए जाना कानून के खिलाफ है।
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