Budget 2025: मध्यमवर्गीय करदाताओं के लिए राहत भरी खबर! केंद्र सरकार ने बजट 2025 में आयकर नियमों में बड़े सुधार किए हैं। अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे पहले, 7 लाख रुपये तक की आय टैक्स-फ्री थी। इसके अलावा, टीडीएस और टीसीएस की सीमाओं में भी बढ़ोतरी की गई है। साथ ही, करदाताओं को 75,000 रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।
नई टैक्स स्लैब: समझें कैसे बदलें नियम
सरकार द्वारा पेश की गई नई कर व्यवस्था के अनुसार, यदि आपकी वार्षिक आय 12 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई आयकर नहीं देना होगा। विशेष रूप से वेतनभोगी करदाताओं के लिए 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी दिया गया है। इसका मतलब यह है कि 12.75 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त होगी।
नए टैक्स स्लैब के अनुसार:
12 से 15 लाख रुपये तक की आय पर 15% टैक्स
15 से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20% टैक्स
20 से 25 लाख रुपये तक की आय पर 25% टैक्स
25 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30% टैक्स
क्या होगा इस बदलाव का असर?
इस नए बजट से मध्यमवर्गीय करदाताओं को सीधा फायदा होगा। आयकर सीमा बढ़ने से बचत बढ़ेगी और खर्च करने की क्षमता में इज़ाफा होगा। सरकार का मानना है कि इससे आर्थिक विकास को बल मिलेगा और बाजार में अधिक पैसा आएगा, जिससे व्यापार और उद्योगों को भी लाभ होगा।
बजट 2025 में सरकार ने करदाताओं को बड़ी राहत दी है। 12 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त कर दिया गया है, जिससे लाखों वेतनभोगी और मध्यमवर्गीय लोग लाभान्वित होंगे। इस फैसले से देश में निवेश और खर्च करने की प्रवृत्ति को भी बढ़ावा मिलेगा। कुल मिलाकर, यह बजट देश के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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