21-06-2023, Wednesday
योग भारतीय परंपरा का हिस्सा है।यह कोई शास्त्र नही वरन एक विज्ञान है,जो शरीर को चुस्त दुरुस्त रखता है।आज का विश्व योग दिवस इसी बात को याद दिलाता है।भारत के अनुरोध पर 11 दिसंबर 2014 के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून का दिन विश्व योग दिवस के रूप में मनाने की मंजूरी दी ।यह भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है।
योग भारतीय परंपरा का हिस्सा है।यह कोई शास्त्र नही वरन एक विज्ञान है,जो शरीर को चुस्त दुरुस्त रखता है।आज का विश्व योग दिवस इसी बात को याद दिलाता है।भारत के अनुरोध पर 11 दिसंबर 2014 के दिन संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून का दिन विश्व योग दिवस के रूप में मनाने की मंजूरी दी ।यह भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है।
सबसे पहला योग है, सूर्य नमस्कार।योग एक विज्ञान है।इसका किसी भी धर्म से नाता नहीं है।लेकिन भगवान बुद्ध ,यीशु ख्रीस्त ,महावीर ,पतंजलि जैसे महान लोगों ने योग करके सत्य का साक्षात्कार किया है। परम सत्य तक पहुंचने के लिए योग सर्वश्रेष्ठ माध्यम है ।ऋषि-मुनियों द्वारा सत्य की ओर जाने के लिए गए किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों का नाम ही योग है।योग विचारों की तीव्रता को शांत करता है।योग की खोज करने वाले महर्षि पंतांजलि माने जाते हैं। उन्होंने आसन और सूत्रों की हमें भेंट दी है।
योग शब्द संस्कृत भाषा की “यूज़” धातु पर से बना है ,जिसका अर्थ है जोड़ना। वैदिक तत्वज्ञान के 6 परंपरागत दर्शन में से एक है, योग दर्शन। महर्षि पतंजलि के योगसूत्र “राजयोग” से जाने जाते हैं। उन्होंने अष्टांग योग लिखा है।शांडिल्य उपनिषद में भी कहा गया है कि जिसने आसन जीता, उसने त्रिभुवन जीता। इसीलिए अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रोज प्रातः भुजंगासन, वक्रासन ,त्रिकोणासन, कपालभाति ,सेतुबंधासन, ताड़ासन ,आदि विविध योग के आसन करते हैं।योग मनुष्य की एकाग्रता को बढ़ाता है।
विदेश में योग प्रसार के लिए भारत में बेलूर के बी. के. एस. अयंगर का विशेष योगदान रहा है ।उनके द्वारा विकसित की गई योग शैली “अयंगर योग” के नाम से जानी जाती है। 1934 में जब बी.के.एस .अयंगर टाइफाइड, मलेरिया, टीबी ,जैसी बीमारी बीमारियों से पीड़ित रहने लग, और कोई भी दवा जब कारगर सिद्ध नहीं हुई ,तब उनके ही परिवार के सदस्य तिरुमलाई कृष्णमाचार्य ने उन्हें मैसूर ले जाने का फैसला किया। जहां योग आसनों द्वारा उन्हें ठीक किया गया। योगासनों से महज़ 15 दिनों में ही उनके स्वास्थ्य में सुधार नजर आने लगा था। तब से बी .के .एस. अयंगर योग के मुरीद हो गए थे ।उन्होंने प्रसिद्ध वायो लिनिस्ट यहूदी मैनूहीन, चिंतक जे. कृष्णमूर्ति, जयप्रकाश नारायण, क्वीन आफ बेल्जियम एलिजाबेथ, नोवलिस्ट एल्डोस हक्सले, अभिनेत्री एनेट बेनिंग सचिन तेंदुलकर ,करीना कपूर ,को योगासन सिखाएं।
योग चित्त को शांत करता है,बुद्धि को तेज करता है,मन की एकाग्रता बढ़ाता है, चिंतन शक्ति बढ़ाता है,और महत्वपूर्ण फैसले लेने में सहायक होता है।
रोज योग करने का नियम शरीर को चुस्त दुरुस्त रखता है।इसीलिए योग जीवन में बहुत ही जरूरी है।
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