डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर के कारण वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। साथ ही, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से भारतीय शेयर बाजार की साप्ताहिक शुरुआत कमजोर रही। सेंसेक्स 500 अंकों से ज्यादा की गिरावट के साथ खुला और 807.67 अंक तक टूट गया। सुबह 10:39 बजे यह 758.10 अंकों की गिरावट के साथ ट्रेड कर रहा था। निफ्टी 50 भी 22,600 के स्तर को तोड़कर 22,548.35 तक गिर गया। इस गिरावट से निवेशकों को 4.09 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
बीएसई पर कुल 3,771 शेयरों में ट्रेडिंग हो रही थी, जिनमें से सिर्फ 998 शेयरों में बढ़त देखने को मिली, जबकि 2,609 शेयरों में गिरावट दर्ज हुई। इनमें से 230 शेयर अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर पर पहुंच गए, जबकि 274 शेयरों में लोअर सर्किट लग गया। मंदी के माहौल का असर स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों पर भी पड़ा, जो 500 अंकों से ज्यादा टूट गए।
शेयर बाजार में गिरावट के 4 बड़े कारण
ट्रंप का टैरिफ वॉर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्वभर पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की है। उन्होंने भारत के खिलाफ भी कड़े कदम उठाने की चेतावनी दी है, जिससे भारतीय शेयर बाजार में चिंता बढ़ गई है। खासतौर पर, फार्मा कंपनियों पर ऊंचे टैरिफ का बोझ डालने की संभावित कार्रवाई से निवेशक निराश हुए हैं। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह टैरिफ किन सेक्टर्स और किन देशों पर लागू होगा।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी निवेशक (FII) ट्रंप की नीतियों और ट्रेड वॉर के कारण लगातार बिकवाली कर रहे हैं। इस कैलेंडर वर्ष में अब तक एफआईआई ने 1 लाख करोड़ रुपये तक की बिकवाली कर दी है। बीते शुक्रवार को भी 3,449.15 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश निकाला गया था।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुस्ती
अमेरिका की आर्थिक गतिविधियों और कंज्यूमर सेंटीमेंट में कमजोरी देखी जा रही है, जिससे अमेरिकी शेयर बाजार में भी गिरावट आई है। ट्रंप की ट्रेड वॉर नीतियों के चलते महंगाई बढ़ने की आशंका बनी हुई है और उपभोक्ता मांग भी कमजोर पड़ गई है।
तकनीकी रूप से बाजार ओवरवैल्यूड
भारतीय शेयर बाजार पिछले तीन वर्षों से मजबूत ग्रोथ के साथ ऊपर जा रहा था। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में इस तरह का करेक्शन जरूरी था। कोविड महामारी के बाद 2025 में सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट देखने को मिली है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि निवेशकों को फिलहाल सतर्क रहने की जरूरत है और जल्दबाजी में कोई बड़ा निवेश करने से बचना चाहिए।
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