बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया-चकिया रोड पर अयोध्या से भी ज्यादा विशाल राम मंदिर बनने का काम जोरों शोरों से चल रहा है। इस मंदिर का निर्माण कार्य 20 जून 2023 को शुरू किया गया था।
इस विशालकाय मंदिर के निर्माण को लेकर महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर क्रुणाल ने कहा कि पहले चरण के काम खत्म होने के बाद अब दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है। इसमें सबसे पहले कुर्सी (प्लिंथ) बनाई जाएगी, जो करीब 26 फीट की ऊंचाई तक जाएगी। मजबूती के लिए इस पर कंक्रीट की छत बनाई जाएगी, जिसकी लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट होगी. इसके बाद तीन मंजिल का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक मंजिल 18 फीट ऊंची होगी।
इस प्रकार दूसरे चरण का निर्माण 1080 फीट लंबा, 540 फीट चौड़ा और 80 फीट ऊंचा किया जाएगा। इसमें 22 मंदिर, रामायण की सभी महत्वपूर्ण घटनाएं और सभी प्रमुख देवताओं के मंदिर होंगे। उम्मीद है कि डेढ़ से दो साल में यह काम पूरा हो जायेगा।
मंदिर की मुख्य बातें
- यह मंदिर अयोध्या के राम मंदिर से भी बड़ा होगा।
- यह रामायण की सभी महत्वपूर्ण घटनाओं और प्रमुख देवताओं को समर्पित होगा।
- मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा 33 फीट ऊँचा, 33 फीट चौड़ा और 210 मीट्रिक टन वजनी शिवलिंग होगा।
- पूरे मंदिर का निर्माण महावीर मंदिर न्यास द्वारा अपने आंतरिक संसाधनों से किया जा रहा है।
- निर्माण कार्य 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
आपको बता दें कि मंदिर निर्माण की देखरेख के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश, पूर्व मुख्य सचिव, सेना अधिकारी और इंजीनियर शामिल हैं। समिति नियमित बैठकें करती है और पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।
यह मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल होगा, बल्कि कला, संस्कृति और वास्तुकला का भी उत्कृष्ट नमूना होगा।
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