दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पदभार संभालते ही अहम प्रशासनिक फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। शपथ ग्रहण के अगले ही दिन उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी और उनके मंत्रियों के पर्सनल स्टाफ को हटा दिया। इसके साथ ही, पूर्व सरकार द्वारा अन्य विभागों में भेजे गए अधिकारियों और कर्मचारियों को उनके मूल विभागों में लौटने के निर्देश दिए गए हैं।
शुक्रवार दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री गुप्ता ने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें दिल्ली जल बोर्ड और PWD विभाग के अधिकारी विशेष रूप से शामिल हुए। इस बैठक में राजधानी की जर्जर सड़कों और पानी की समस्या पर चर्चा की गई।
नई सरकार का पहला विधानसभा सत्र 24 फरवरी से
दिल्ली में नई सरकार का पहला विधानसभा सत्र 24 फरवरी से शुरू होगा, जो तीन दिनों तक चलेगा और 27 फरवरी को समाप्त होगा। इस दौरान नए विधायकों का शपथ ग्रहण होगा और तीसरे दिन CAG की 14 रिपोर्ट सदन में पेश की जाएंगी।
रेखा गुप्ता का विपक्ष पर पलटवार
नई सरकार की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा, “शपथ लेने के पहले ही दिन हमारी कैबिनेट बैठक हुई और हमने आयुष्मान भारत योजना को मंजूरी दी, जिसे पिछली सरकार ने रोक रखा था। अब हम दिल्ली के विकास पर ध्यान देंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिल्ली को उसका हक मिलेगा।”
गुप्ता ने विपक्ष को सलाह दी कि वे उनकी सरकार की आलोचना करने के बजाय अपनी पार्टी पर ध्यान दें। उन्होंने कहा, “जब CAG की रिपोर्ट सदन में पेश होगी, तो कई सच्चाइयां सामने आएंगी।”
विपक्ष का आरोप: वादे पूरे नहीं हुए
AAP नेता और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा सरकार पर अपने वादे पूरे न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भाजपा ने चुनाव के दौरान दिल्ली की महिलाओं को 2500 रुपये देने की योजना की घोषणा की थी, लेकिन अब वे इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। पहले ही दिन उन्होंने जनता को धोखा देना शुरू कर दिया।”
वहीं, कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “नई मुख्यमंत्री को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। भाजपा सरकार वादे तो बहुत करती है, लेकिन उन्हें पूरा करने में असफल रहती है। खासकर यमुना की सफाई को लेकर सिर्फ दिखावटी काम हो रहा है।”
शपथ ग्रहण के 4 घंटे बाद हुआ मंत्रियों का विभाग बंटवारा
रेखा गुप्ता ने 20 फरवरी को दोपहर 12:30 बजे दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ली थी। शपथ ग्रहण के महज 4 घंटे के भीतर मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्रालय समेत कुल 8 विभाग अपने पास रखे हैं।
वहीं, अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से हराने वाले प्रवेश वर्मा को PWD, विधायी मामले, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, जल और गुरुद्वारा चुनाव विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वरिष्ठ भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा अध्यक्ष और मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट को उपाध्यक्ष बनाया जाएगा।
दिल्ली में सत्ता परिवर्तन के साथ ही प्रशासनिक फेरबदल की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन जिस तेज़ी से फैसले लिए जा रहे हैं, वह भाजपा के स्पष्ट रणनीतिक एजेंडे को दर्शाता है। नई सरकार विकास को प्राथमिकता देने की बात कर रही है, लेकिन विपक्ष के आरोपों को नकारना भी आसान नहीं होगा। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि रेखा गुप्ता सरकार अपने वादों को कैसे पूरा करती है और क्या वास्तव में दिल्ली की जनता को कोई ठोस बदलाव देखने को मिलेगा।
More Stories
शिवराज सिंह चौहान ने एयर इंडिया की टूटी सीट को लेकर जताई नाराजगी: एयरलाइन सेवाओं की गुणवत्ता पर उठे सवाल
#GetOutModi बनाम #GetOutStalin: सोशल मीडिया पर छिड़ी सियासी जंग!
महाकुंभ में स्नान करती महिलाओं के बनाए वीडियो, 103 सोशल मीडिया अकाउंट पर कार्रवाई