CATEGORIES

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
Saturday, February 1   8:02:09
Dr. Vikram Sarabhai

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के भीष्म पितामह डॉक्टर विक्रम साराभाई

चंद्रयान 3 की अप्रतिम सफलता ने भारत को विश्व की सुपर पावर बना दिया है। इस वटवृक्ष की जड़, नींव है डॉ. विक्रम साराभाई, डॉ. होमी भाभा, डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जैसे कई वैज्ञानिक, जिन्होंने अपनी ऊर्जा से इसे सींचा है।

कहते है न कि इमारत तभी बुलंद रहती है, जब उसकी नींव मजबूत हो।हर क्षेत्र की कामयाबी में उसकी नींव बने वे महान लोग होते हैं, जिन्होंने दिन-रात की परवाह किए बिना एक संस्थान को अपने खून पसीने से सींचा हो। ISRO देश का एक ऐसा ही संस्थान है, जिसको इस ऊंचाई तक लाने में डॉ. विक्रम साराभाई, डॉ. होमी भाभा और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे कई वैज्ञानिको की की दिन रात की मेहनत है।

भारत को अवकाश क्षेत्र में लाने का श्रेय प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉक्टर विक्रम साराभाई को जाता है। उन्होंने अपनी दूरदर्शिता पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इसका महत्व समझाया और सन 1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति(INCOSPAR)की स्थापना हुई। 15 अगस्त 1969 को डॉक्टर विक्रम साराभाई सबसे पहले अध्यक्ष बने। सूत्र था,” मानव जाति की सेवा में अंतरिक्ष प्रोद्योकी।”

इसरो को विश्व में मिली पहचान का श्रेय डॉक्टर विक्रम साराभाई को जाता है।इस संस्थान से जुड़े वैज्ञानिकों में डॉक्टर होमी भाभा,डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम,के नाम प्रमुख है। 1963 में पहला रॉकेट साइकिल पर लाद कर लॉन्च सेंटर तक ले जाया गया था।वह तस्वीर इतिहास बन चुकी है।तिरुवनंतपुरम के थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन की स्थापना भी डॉक्टर विक्रम साराभाई ने की।

21 नवंबर1963 में एलिट साइंटिस्ट डॉक्टर होमी भाभा की मौजूदगी में रॉकेट लॉन्च किया गया। फिर तो भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट इसरो ने बनाया, और सोवियत संघ ने लॉन्च किया। पहला स्वदेशी रॉकेट SLV3, PSLV, और पहला मून मिशन चंद्रयान 1,चंद्रयान 2 का मिशन लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने के कारण 47दिनों का सफर अधूरा रहा। लेकिन 2013 में भारत का पहला मिशन मंगल सफल रहा।जिसने विश्व की बोलती बंद कर दी।

और अब चंद्रयान तीन ने विश्व को भारत का लोहा मानने के लिए मजबूर कर दिया है।आज इस मुकाम तक पहुंचा भारत डॉक्टर विक्रम साराभाई, डॉ होमी भाभा,डॉक्टर APJ अब्दुल कलाम जैसे अनेकों वैज्ञानिकों को भूल नही सकता,जो नींव के मजबूत पत्थर है।