विस्मृत होती जा रही गुजरात की प्राचीन नाट्यकला भवाई को उजागर करने में काफी हद तक सफलता पाई है, गौरव पुरस्कार विजेता तस्वीरकार भाटी एन.ने।
गुजरात में चौदहवीं शताब्दी में भवाई नाट्यकला की शुरुआत हुई। यह कला उस समय अपने सुवर्णकाल में थी।इस कला के जानकार और इतिहासविद जोरावर सिंह जाधव के साथ जुड़कर तस्वीरकला के गौरव पुरस्कार विजेता भाटी एन.ने भवाई कला को उजागर करने के लिए अपनी तस्वीरकला के जरिए बहुत बड़ा योगदान दिया है।भवाई कला को समर्पित बाबा भाई और हरी भाई व्यास की भवाई कला की उनकी यह तस्वीर गुजरात समाचार के दीपोत्सव अंक में प्रकाशित हुई थी।
भाटी एन. तस्वीरकला को समर्पित है। उन्होंने 2001 में कच्छ में हुए भूकंप की तस्वीर लेने के लिए 200 किलोमीटर तक का स्कूटर पर वाकानेर से सफर शुरू किया था, और रात को 2बजे उन्होंने भूकंप की पहली तस्वीर खींची थी। पिछले 40 सालों से वह फोटोग्राफी करते आ रहे हैं। वेफोटो जर्नलिस्ट हैं और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी के साथ समाज सेवा भी करते हैं। इसके साथ में कविताएं और लेख भी लिखते हैं। उनकी भवाई के कलाकारों की इस तस्वीर ने समग्र गुजरात को गुंजीत कर दिया था।
More Stories
वडोदरा में अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई: तनाव के बीच महानगरपालिका का डिमोलिशन अभियान जारी
वक्त के साथ बढ़ता गया इस एक्ट्रेस का चार्म, एक दौर में पिता ने की थी मोची से तुलना
Singham Again vs Bhool Bhulaiyaa 3: 20 दिनों बाद बॉक्स ऑफिस पर किसकी धूम, अजय देवगन या कार्तिक आर्यन?