CATEGORIES

February 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
2425262728  
Monday, February 24   9:44:31
bharat

भारत या इंडिया: विवाद काफी पुराना

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा G 20 शिखर मंत्रणा के अवसर पर आयोजित डिनर समारंभ के लिए न्योता “प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया” के बदले “प्रेसिडेंट ऑफ भारत” के नाम से भेजे जाने से विवाद उठा है। वैसे देश का नाम भारत या इंडिया को लेकर आजादी के समय से विवाद चल ही रहा है।

इस मुद्दे कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करना चाहती है। वैसे शायद कांग्रेस भूल गई है कि वर्ष 2012 में यूपीएस शासन के दौरान कांग्रेस राज्यसभा में प्राइवेट बिल प्रस्तुत हुआ था,जिसमे देश का नाम भारत रखने के लिए संविधान में से इंडिया सब को हटाने का प्रस्ताव था।

केंद्र सरकार ने 18 सितंबर को 5 दिनों के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की घोषणा की है।जिसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। मोदी सरकार वन नेशन ,वन इलेक्शन का बिल पारित करने या सांसद एवं विधानसभाओं में 33% महिला बैठकों की अनामत का बिल पास करने या UCC बिल या देश का नाम भारत घोषित करने बुलाया गया है, जैसे तर्क लगाए जा रहे है। वैसे केंद्र सरकार ने अब तक इसका खुलासा नही किया है।

प्राचीन समय से ही यह धरती भारतवर्ष के नाम से जानी जाती रही है।साहित्य और पौराणिक ग्रंथों में भी इसका उल्लेख मिलता है।संविधान के आर्टिकल 1 में भी “India that is Bharat” का उल्लेख है।तब एक ही नाम रखने को लेकर सलाह भी दी गई थी ।इंडिया नाम अंग्रेजो के आने के बाद पड़ा,क्योंकि वे हिंदुस्तान शब्द का उच्चारण नही कर पाते थे।तब भारतवर्ष सिंधु सभ्यता के रूप में जाना जाता था। अंग्रेज़ इसे इंडस वैली कहते थे। उस पर से उन्होंने भारत को इंडिया नाम दिया था।

आज कांग्रेस आरोप लगा रही है लेकिन देश की आजादी के बाद से संविधान निर्माण के दौरान भी देश का नाम भारत रखने की सलाह दी गई थी।तब हिंदुस्तान, भारतभूमि,भारतवर्ष,हिंद जैसे नाम सूचित किए गए थे।भारत माता की जय के नारों के साथ ही आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी। उस वक्त के. वी. राव ने कहा था की सिंधु नदी पाकिस्तान में चली गई है, ऐसे में इंडिया नाम
का अर्थ नही है।लंबी चर्चा के बाद “India that is Bharat”के पक्ष में अधिक वोट पड़ने पर यही शब्द बरकरार रहे।

भारत शब्द के लिए कई बार सुप्रीम कोर्ट में अर्जियां हुई,आखिर में 2016 और 2020 में हुई ऐसी अर्जियों को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

विश्व के कई देशों ने अपने नाम बदले है।बर्मा का म्यानमार, सिलोन का श्री लंका,ईस्ट पाकिस्तान का बांग्लादेश, सियोम से थाइलैंड,तुर्की का तुर्किये,हॉलैंड का नीदरलैंड,चेक रिपब्लिक का चेकिया,जैसे कई नाम है। अगर मोदी सरकार “इंडिया” नाम हटाना चाहती है तो संविधान के आर्टिकल 1 में दो तिहाई बहुमत से तब्दीलियां करनी पड़ेगी। लोकसभा और राज्यसभा दोनों में भाजपा के पास दो तिहाई बहुमत नहीं है। ऐसे में विपक्षों का समर्थन बहुत ही जरूरी होगा।