कोलकाता – पश्चिम बंगाल विधानसभा ने ‘अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक 2024’ को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। इस विधेयक का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले बलात्कार और अन्य घिनौने अपराधों को कम करना है। विधेयक को पेश करने वाले बंगाल के मंत्री मलय घटक ने इसे महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस विधेयक को विपक्ष, खासकर बीजेपी और सीपीआई (एम) का भी पूरा समर्थन मिला है। विपक्ष के इस समर्थन के बाद विधेयक को बिना किसी विरोध के पास कर दिया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वालों का समर्थन करते हुए इस विधेयक की सराहना की।
‘अपराजिता विधेयक’ की मुख्य विशेषताएं
‘अपराजिता महिला और बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून संशोधन) विधेयक 2024’ बलात्कार, गैंगरेप, और बलात्कार के बाद हत्या जैसे घिनौने अपराधों के लिए सख्त सज़ाओं का प्रावधान करता है। इसमें बलात्कार और गैंगरेप के मामलों में न्यूनतम सज़ा उम्रकैद और अधिकतम सज़ा मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।
विधेयक में भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के कुछ प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव है, ताकि पश्चिम बंगाल में इन्हें और सख्ती से लागू किया जा सके। इसके तहत जिले स्तर पर ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ के गठन की भी योजना है, जो महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
विधेयक के प्रावधान
‘अपराजिता विधेयक’ भारतीय न्याय संहिता के धारा 64, 66, 70(1), 71, 72(1), 73, 124(1), और 124(2) में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है। ये धाराएं बलात्कार, बलात्कार के बाद हत्या, गैंगरेप, बार-बार अपराध करने वाले, पीड़ित की पहचान उजागर करने, और एसिड अटैक जैसे अपराधों के लिए सज़ा से संबंधित हैं।
विधेयक में विशेष अदालतों के गठन और विशेष जांच दल की स्थापना का भी प्रस्ताव है, जो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों की त्वरित जांच और सुनवाई सुनिश्चित करेगा।
ममता बनर्जी का बयान
विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “यह एक ऐतिहासिक दिन है। 3 सितंबर, 1981 को संयुक्त राष्ट्र ने ‘महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर कन्वेंशन’ को अंतरराष्ट्रीय संधि के रूप में मान्यता दी थी, जो महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था।”
उन्होंने आरजी कर अस्पताल की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी सरकार पहले दिन से ही दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने दोषियों की त्वरित गिरफ्तारी और मामले की त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को निर्देश दिए हैं।
‘अपराजिता विधेयक’ पश्चिम बंगाल सरकार का एक सशक्त कदम है, जो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों को कम करने और उन्हें सख्त सज़ा दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विपक्षी दलों के समर्थन से यह विधेयक राज्य में न्याय और सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
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