आज पूरे देशभर में वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। वसंत पंचमी की तिथि से ही वसंत ऋतु की शुरूआत होती है। इस दिन ज्ञान, वाणी, बुद्धि, विवेक, विद्या और सभी कलाओं से परिपूर्ण मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। खासतौर पर यह दिन शिक्षा एवं कला से जुड़े हुए लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है इसलिए यह दिन नई विधा, कला, संगीत आदि सीखने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहन कर और माथे पर पीले रंग का तिलक लगाकर सरस्वती मां की पूजा का विधान है। वसंत पंचमी के दिन पेन, किताबों और वाद्य यंत्रो की पूजा की जाती है। वसंत पंचमी को सभी शुभ कार्यों के लिए अत्यंत शुभ मुहूर्त माना गया है।
हिंदी रिवाजों के अनुसार ऐसी मान्यता है बसंत पंचमी ही वो दिन था जब वेदों की देवी प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन को शिक्षा या कोई अन्य नई कला शुरू करने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से साधकों को अपने घर में सरस्वती यंत्र स्थापित करना चाहिए। यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, यदि आपके जीवन में निराशा का भाव है तो वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन अवश्य करें।
मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विद्यार्थियों के लिए इस दिन का विशेष महत्व है। वसंत पंचमी के दिन से ही वसंत ऋतु का भी आगमन होता है। वसंत ऋतु को सभी छह ऋतुओं में ऋतुराज के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन ही माता सरस्वती का अवतरण हुआ था।
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