मथुरा (7 मार्च 2025): भारत में होली का पर्व हर साल एक विशेष रंग और उमंग लेकर आता है, लेकिन मथुरा के बरसाना में जो होली मनाई जाती है, वह अनोखी और अलग है। यहां शुरू हुई लड्डूमार होली ने एक बार फिर से श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित किया है। जहां एक ओर भक्त राधा-रानी की पूजा में रंगों से रंगी हुई हैं, वहीं दूसरी ओर विदेशी पर्यटक भी इस अद्वितीय उत्सव में रंगों और लड्डुओं की बौछार का हिस्सा बनने पहुंचे हैं।
राधा-रानी की सखियों का नृत्य और सीएम योगी का आशीर्वाद
इस विशेष अवसर पर, राधा-रानी की सखियां, दुल्हन की तरह सजी-धजी, नंदगांव से बरसाना पहुंची और होली का निमंत्रण दिया। इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी बरसाना पहुंचे। उन्होंने लाडलीजी मंदिर में पूजा की और भक्तों पर फूलों की बारिश की। उन्होंने अपने संबोधन में राधे-राधे के उद्घोष के साथ भगवान कृष्ण और यमुना मैया के जयकारे भी लगाए।
सीएम योगी ने कहा कि आज का दिन न केवल ब्रजभूमि के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। इस आयोजन के दौरान उन्होंने ब्रज के विकास की बात करते हुए यह भी कहा कि यह क्षेत्र जल्द ही काशी और अयोध्या के विकास की तरह ही एक केंद्र बनेगा। योगी ने भारत की सनातन संस्कृति की एकता और भव्यता को भी सराहा।
लड्डू और गुलाल की रंगीन होली
लड्डूमार होली की विशेषता यह है कि यहां भक्तों पर लड्डू फेंके जाते हैं। लाडलीजी मंदिर में 1,000 किलो शगुन के लड्डू तैयार किए गए हैं, और समूचे ब्रज क्षेत्र में 9,000 किलो लड्डू तैयार किए गए हैं। इस दौरान भक्तों पर लड्डू और गुलाल की बौछार की जा रही है, जिससे माहौल और भी रंगीन और उत्सवपूर्ण हो गया है।
विदेशी भक्तों की श्रद्धा
इस बार लड्डूमार होली में विदेशी भक्तों की भी भारी संख्या में उपस्थिति देखी जा रही है। ब्राजील से आई एक भक्त ने कहा, “यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है, ऐसा कहीं नहीं देखा। राधे-राधे!” यह साबित करता है कि ब्रजभूमि का सांस्कृतिक आकर्षण पूरी दुनिया में फैल चुका है।
लड्डूमार होली, मथुरा और बरसाना की परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है। यह सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक ऐसा आयोजन है जो दुनिया भर से श्रद्धालुओं को एकजुट करता है। यहां की समृद्ध परंपराएं, भव्य आयोजन और धार्मिक आस्था सभी को एक अनूठा अनुभव प्रदान करती हैं। सीएम योगी का यह कहना कि ब्रजभूमि का विकास देश के अन्य प्रमुख तीर्थ स्थलों की तरह किया जाएगा, यह निश्चित रूप से इस क्षेत्र को पर्यटन और सांस्कृतिक धरोहर के दृष्टिकोण से भी एक नई दिशा देगा।
कुल मिलाकर, लड्डूमार होली का यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक समागम का भी एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह त्योहार भक्ति, प्रेम और एकता का प्रतीक है, और इसकी महिमा संपूर्ण दुनिया में फैल रही है।

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