वर्षों के संघर्ष के बाद राम मंदिर बनने की ख़ुशी अभी तक कम नहीं हुई थी कि अबू धाबी के क़तर में कल बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वहां के सबसे पहले हिन्दू BAPS Swaminarayan मंदिर का उद्घाटन किया गया है। उद्घाटन से पहले मोदी ने मंदिर परिसर में आभासी गंगा और यमुना नदियों में जल अर्पित किया और फिर मंदिर के अंदर पूजा-अर्चना करने गए।
मोदी का स्वागत BAPS के ईश्वरचरणदास स्वामी ने किया था। उनके द्वारा यहाँ आरती और पूजा-अर्चना की गई जिससे एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मील का पत्थर चिह्नित हुआ।
इस मंदिर के उद्घाटन में भारत सरकार के अधिकारी, बॉलीवुड के सितारे और अंबानी परिवार के सदस्य अतिथि बनकर पधारे थे। अबू धाबी के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। गायक-संगीतकार शंकर महादेवन भी मंदिर पहुंचे और उन्होंने इस मंदिर के खुलने पर अपनी खुशी जताई।
पीएम मोदी ने मध्य पूर्व राष्ट्र की अपनी यात्रा से पहले एक बयान में कहा कि “BAPS मंदिर सद्भाव, शांति और सहनशीलता के मूल्यों के लिए एक स्थायी सम्मान होगा, जो भारत और यूएई दोनों साझा करते हैं।”
मंदिर के उद्घाटन के बाद सबको संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि “मानव इतिहास में आज संयुक्त अरब अमीरात में एक स्वर्णिम अध्याय लिखा गया है। आज अबू धाबी में एक भव्य और पवित्र मंदिर का उद्घाटन किया गया है। इस मंदिर में वर्षों की कड़ी मेहनत लगी है और एक लंबे समय का सपना सच हो गया है। भगवान स्वामीनारायण का आशीर्वाद इस मंदिर के साथ है।”
राम मंदिर को ध्यान में लाते हुए उन्होंने आगे कहा “सदियों पुराना सपना पूरा हुआ। पूरा भारत और हर भारतीय आज भी उस भावना को संजो रहा है। मेरे मित्र ब्रह्मविहारी स्वामी कह रहे थे, ‘मोदी जी सबसे बड़े पुजारी हैं।’ मुझे नहीं पता कि मेरे पास मंदिर के पुजारी होने की योग्यता है या नहीं, लेकिन, मुझे मां भारती का पुजारी होने पर गर्व है।”
पूर्व भारतीय राजदूत नवदीप सूरी ने कहा “मुझे लगता है कि यह भारतीय समुदाय के लिए, संयुक्त अरब अमीरात में मौजूद विशाल भारतीय प्रवासियों के लिए एक बहुत ही प्रतीकात्मक दिन है। कई वर्षों से, यह उनके लिए एक आध्यात्मिक आवश्यकता, एक धार्मिक आवश्यकता रही है। और मुझे पता है कि 2015 में, जब प्रधान मंत्री पहली बार यहां आए थे, तो उन्होंने अबू धाबी के तत्कालीन राजकुमार शेख मोहम्मद बिन जायद से अनुरोध किया था कि अगर कुछ जमीन दी जा सके तो अच्छा होगा।”
कैसा दिखता है यह मंदिर
दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल रहबा के पास अबू मृइखा में 27 एकड़ की साइट पर निर्मित, BAPS मंदिर का निर्माण 700 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। मंदिर का निर्माण उत्तरी राजस्थान के गुलाबी बलुआ पत्थर और इटली के मार्बल से किया गया है। यह मंदिर 108 फीट ऊंचा, 262 फीट लंबा और 180 फीट चौड़ा है। इसमें दो घुमट (गुंबद), सात शिखर (शिखर) जो संयुक्त अरब अमीरात में सात अमीरात का प्रतीक हैं, 12 समरन और 402 स्तंभ भी हैं।
संयुक्त अरब अमीरात, अफ्रीका, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और खाड़ी के 200 से अधिक स्वयंसेवकों ने निर्माण के लिए तक़रीबन 7 लाख घंटे समर्पित किए थे। मंदिर की नक्काशी में न केवल रामायण, शिव पुराण, भागवतम, महाभारत और हिंदू हस्तियों के जीवन की कहानियां शामिल हैं, बल्कि अरब, मिस्र, मेसोपोटामिया, मूल अमेरिकी और अन्य सभ्यताओं की कहानियां भी शामिल हैं। मंदिर में स्वामीनारायण, अक्षर-पुरुषोत्तम, राधा-कृष्ण, राम-सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, पद्मावती-वेंकटेश्वर, जगन्नाथ और अय्यप्पन की मूर्तियाँ हैं।
मंदिर पूरी तरह कार्यात्मक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परिसर के हिस्से के रूप में पारंपरिक हिंदू मंदिर के सभी पहलुओं और विशेषताओं को शामिल करता है। परिसर में एक विज़िटर्स सेंटर, प्रार्थना कक्ष, प्रदर्शनियां, शिक्षण क्षेत्र, बच्चों के लिए एक खेल क्षेत्र, थीमेटिक गार्डन, वाटर फीचर्स, एक फूड कोर्ट, किताबें और उपहार की दुकान शामिल होगी। मंदिर की नींव में 100 सेंसर हैं और भूकंप गतिविधि, तापमान भिन्नता और दबाव परिवर्तन पर डेटा प्रदान करने के लिए पूरे मंदिर में 350 से अधिक सेंसर लगाए गए हैं।
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