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Saturday, February 22   6:52:15

मौत के दरवाजे से वापसी! केरल के कन्नूर से चौंकाने वाली घटना, जानें पूरा मामला

कभी आपने सोचा है कि किसी मृत समझे गए इंसान में अचानक जीवन के संकेत लौट आएं तो क्या होगा? केरल के कन्नूर से सामने आई यह घटना किसी चमत्कार से कम नहीं। यहां एक बुजुर्ग को मृत मानकर मुर्दाघर ले जाया जा रहा था, लेकिन अचानक उनकी उंगलियों में हलचल देखकर सब दंग रह गए।

कैसे हुआ यह हैरान कर देने वाला वाकया?

कन्नूर के एकेजी कोऑपरेटिव हॉस्पिटल में इलाजरत एक बुजुर्ग, पवित्रन, को वेंटिलेटर पर रखा गया था। डॉक्टरों ने परिवार को आगाह किया था कि वेंटिलेटर हटाने के बाद मरीज ज्यादा देर तक जीवित नहीं रह पाएंगे। वेंटिलेटर का खर्च वहन करना मुश्किल होने पर परिवार ने उन्हें गृह नगर ले जाने का फैसला किया।

मौत की खबर और मुर्दाघर का सफर

गृह नगर जाते वक्त पवित्रन का बीपी बेहद कम हो गया और कोई हलचल नजर नहीं आई। डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिवार ने अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दीं और अखबार में शोक संदेश भी प्रकाशित करा दिया। लेकिन जैसे ही उन्हें मुर्दाघर में रखा जाने वाला था, अचानक उनकी उंगलियां हिलने लगीं। यह देखकर हर कोई हैरान रह गया।

आईसीयू में जारी है संघर्ष

पवित्रन को तुरंत आईसीयू ले जाया गया, जहां अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार, उनका बीपी सामान्य हो रहा है और वे धीरे-धीरे सुधार की ओर हैं।

यह घटना सिर्फ एक चिकित्सा चमत्कार नहीं, बल्कि जीवन की असीम संभावनाओं का प्रमाण है। पवित्रन के परिवार ने उम्मीद खो दी थी, लेकिन किस्मत ने उन्हें एक और मौका दिया। ऐसे मामलों से सीख मिलती है कि जीवन अनिश्चितताओं से भरा है और हमें आखिरी पल तक हार नहीं माननी चाहिए।

क्या कहता है यह मामला?

यह घटना हमारे स्वास्थ्य तंत्र और मृत्यु की घोषणा से जुड़े प्रोटोकॉल पर भी सवाल खड़े करती है। क्या इसे बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था? क्या वेंटिलेटर से हटाने से पहले मरीज की स्थिति का और गहराई से आकलन करना जरूरी था? इस घटना ने कई सवालों को जन्म दिया है।

कन्नूर की यह घटना जीवन के अप्रत्याशित चमत्कारों की ताकत को दर्शाती है। यह सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि जीवन में हर स्थिति में उम्मीद बनाए रखने का संदेश है। शायद यही वजह है कि इस कहानी ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया।