CATEGORIES

November 2024
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
Thursday, November 21   11:37:24
प्रतिकात्मक तस्वीर

प्रतिकात्मक तस्वीर

Ayodhya Ram Mandir: जानें नगर यात्रा में क्यों बंधी होगी भगवान राम की आंखों पर पट्टी?

Ayodhya Ram Mandir: अब वह दिन दूर नहीं जब पूरा देश भगवान राम की जन्मभूमि पर नवनिर्मित भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनेगा। अयोध्या के राम मंदिर में होने जा रहे भव्य कार्यक्रमों की तैयारी जोरों-शोरों से की जा रही है। राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को होगी, लेकिन यह पूरा कार्यक्रम लगभग एक सप्ताह तक चलेगा। इसकी शुरुआत 16 जनवरी से हो जाएगी। हाल ही में भव्य राम मंदिर में रखने वाले प्रतिमा को फाइनल कर लिया गया है। देश के मशहूर शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार की प्रतिमा को गर्भगृह में विराजमान करने के लिए चुना गया है।

17 जनवरी को भक्त इस मूर्ति का दीदार कर सकेंगे। इसके लिए अयोध्या में नगर यात्रा का भी आयोजन किया गया है। इसी नगर यात्रा में प्रभु राम की मूर्ति पूरी दुनियां के सामने आएगी, श्रद्धालु इसे देख पाएंगे, लेकिन उनकी आंखें भक्तों को नजर नहीं आएंगी क्योंकि प्रभु की मूर्ति की आंखों को कपड़े की पट्टी से ढंक दिया जाएगा।

क्यों भक्त नहीं देख पाएंगे भगवान की आंखें

दरअसल जब श्रद्धालू भगवान के दर्शन करते हैं तो उनकी आंखों में ही नजर जाती है। आंखें ही ऊर्जा का अहम स्त्रोत होती हैं। तभी तो कहा जाता है कि भक्त बांके बिहारी की आंखों में ज्यादा देर तक न देखें। इसके लिए गर्भगृह का पर्दा बार-बार बंद कर दिया जाता है। माना जाता है कि एक बार भक्त ने 30 सेकंड तक प्रभु की आंखों में देखा तो पूरी तरह वशीभूत हो जाते हैं।

ये भी पढ़ें – अयोध्या श्रीराम मंदिर में विराजित होंगी सोने की पादुकाएं, 19 जनवरी को पहुंचेंगी अयोध्या

यानी भगवान की मूर्ति में आंखें ही सबसे अहम होती हैं। इसलिए किसी भी मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद ही आंखे खोली जाती हैं। भगवान की मूर्ति की आंखों में देखने से एक ऊर्जा, सकारात्‍मकता, आत्‍मानंद की अनुभूति होती है। इस वजह से नगर यात्रा के दौरान मूर्ति की आंखें ढंकी रहेंगी।

ये भी पढ़ें – राम मंदिर में नहीं होगी मां सीता की मूर्ति

आपको बता दें कि गर्भगृह में जिस प्रतिमा की स्थापना होनी है वह प्रभु श्रीराम के बाल रूप में होगी। पांच वर्ष के बालक श्रीराम खड़े हुए दिखेंगे, इसके साथ ही लोगों को राजा दशरथ के पुत्र और विष्णु अवतार श्रीराम, दोनों ही रूपों के दर्शन मिलेंगे। कमल के फूल पर विराजित प्रभु श्रीराम की प्रतिमा लगभग 8 फीट ऊंची होगी। प्रतिमा को कर्माटक के खास नीले पत्थरों को तराश कर बनाया गया है। इसे मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार किया गया है।