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सावधान! आपकी गाड़ी की सफेद लाइट्स बन सकती हैं हादसे का कारण, जानें क्यों ये खतरनाक हैं

रात के अंधेरे में वाहन चलाना और उस समय तेज रोशनी का सामना करना खतरनाक साबित हो सकता है। हाल के दिनों में एक ट्रेंड देखा जा रहा है, जिसमें लोग अपनी गाड़ियों, ट्रकों और बाइकों में गैरकानूनी रूप से सफेद लाइट्स लगवाते हैं। हालांकि ये लाइट्स वाहन को आकर्षक और आधुनिक दिखाने के लिए लगाई जाती हैं, लेकिन यह दूसरों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं। तेज़ सफेद लाइट्स न केवल आँखों में जलन पैदा करती हैं, बल्कि दुर्घटनाओं के कारण भी बन सकती हैं।

सफेद लाइट्स का बढ़ता हुआ क्रेज

आजकल लोग अपनी गाड़ियों को अलग दिखाने के लिए 350 वाट तक की सफेद लाइट्स लगवा रहे हैं, जबकि गुजरात में आरटीओ (रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस) द्वारा अधिकतम 72 वाट की लाइट्स की अनुमति दी गई है। इस सीमा से अधिक लाइट्स लगवाना न केवल अवैध है, बल्कि यह सुरक्षा के लिहाज से भी एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

कानूनी रूप से क्या लाइट्स लगवाना वैध है?

भारतीय मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत, 8 मीटर से लंबी और 72 वाट से अधिक इंटेंसिटी वाली लाइट्स अवैध मानी जाती हैं। इसके उल्लंघन पर ₹3,000 तक का जुर्माना, गाड़ी जब्त करने या पंजीकरण रद्द होने जैसी सजा हो सकती है।

आंखों पर प्रभाव: एक खतरनाक परिणाम

आंखों के सर्जन डॉ. रश्मिन पटेल का कहना है कि उच्च-तीव्रता वाली सफेद लाइट्स आँखों में अस्थायी अंधापन पैदा कर सकती हैं और इससे रेटिना को भी नुकसान हो सकता है। मानव आंख 380 से 700 नैनोमीटर तक की लाइट को पहचान सकती है, लेकिन इससे अधिक लाइट आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है।

क्या लाइट्स हैं कानूनी रूप से अनुमत?

नीचे दी गई लाइट्स को केवल 72 वाट से कम की तीव्रता के साथ लगाया जा सकता है:

  1. हेडलाइट्स
  2. फॉग लाइट्स
  3. टेल लाइट्स
  4. ब्रेक लाइट्स
  5. साइड लाइट्स

सुरक्षा के उपाय:

आप खुद को इन खतरनाक लाइट्स के प्रभाव से बचाने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं:

  • एंटी-ग्लेयर चश्मे का उपयोग करें,
  • वाहन के शीशों पर एंटी-रिफ्लेक्टिव कोटिंग लगवाएं,
  • ब्लू-रे प्रोटेक्शन ग्लासेस पहनें।

लोग सफेद लाइट्स क्यों लगवाते हैं?

हालांकि यह खतरनाक साबित हो सकता है, फिर भी लोग सफेद लाइट्स का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि यह उनके वाहन को साफ और आधुनिक दिखाता है। कुछ बसों में कंपनी द्वारा सफेद/पीली लाइट्स लगाई जाती हैं, लेकिन कई ड्राइवर इसे 350 वाट तक मोडिफाई कर लेते हैं, जो अन्य वाहनों के लिए जोखिम उत्पन्न कर सकता है।

यह समस्या गंभीर है और लोगों को इस पर सख्त नियंत्रण की आवश्यकता है। जबकि सफेद लाइट्स गाड़ियों को आकर्षक बनाने के लिए लगाई जाती हैं, यह दूसरों की सुरक्षा से समझौता कर सकती हैं। इस तरह के बदलाव न केवल नियमों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ाते हैं। मुझे लगता है कि अधिक से अधिक लोगों को इस बारे में जागरूक करने की जरूरत है ताकि हम सभी की सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।