रेप केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहा आसाराम को आखिरकार जेल से रिहाई मिल गयी है। जोधपुर हाईकोर्ट ने अपने आदेश में आसाराम को 30 दिन की पैरोल प्रदान की है, जिससे वह इलाज करवा सकें। रेप केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को 7 नवंबर को उच्च न्यायालय से यह राहत मिली, जिसके तहत वह अब जोधपुर के भगत की कोठी स्थित एक निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं।
रविवार रात को आसाराम को एम्बुलेंस के जरिए जेल से सीधे अस्पताल लाया गया, जहां उनके समर्थकों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। समर्थकों ने अपने गुरू को देखने के लिए अस्पताल के बाहर जमकर उत्साह दिखाया।
आसाराम को यह पैरोल जोधपुर हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश दिनेश मेहता और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के आदेश पर मिली है, जिसमें उन्होंने उसके स्वास्थ्य और उपचार संबंधी आवश्यकताओं को देखते हुए अनुमति प्रदान की। यह पैरोल आसाराम के 11 साल के कारावास के दौरान दूसरी बार मिली है। इससे पहले, उसे अगस्त में 7 दिनों की पैरोल मिली थी, जो तब भी इलाज के उद्देश्य से दी गई थी।
पैरोल का कारण और आसाराम के स्वास्थ्य पर चर्चा
हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के मुताबिक, आसाराम की उम्र और उसकी गिरती स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए उसे चिकित्सा के लिए नियमित देखभाल की आवश्यकता है। अदालत ने उसके उपचार में बाधा न आने के कारण उसे 30 दिनों की पैरोल प्रदान की। इस दौरान वह विशेष रूप से आयुर्वेदिक उपचार करवा रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आसाराम के समर्थकों के अनुसार, उनका मानना है कि उनके गुरु के स्वास्थ्य को देखते हुए उनके इलाज के लिए पैरोल देना उचित है। दूसरी ओर, आम जनता और पीड़ित पक्षकारों का यह भी मानना है कि आसाराम जैसे अपराधियों को पैरोल मिलने पर सीमित निगरानी रखी जानी चाहिए, ताकि कानूनी प्रक्रिया में किसी प्रकार का हस्तक्षेप न हो।
समर्थकों की भीड़ और अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था
आसाराम की पैरोल की खबर सुनते ही उनके समर्थक अस्पताल के बाहर जमा हो गए, जिसके कारण वहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करनी पड़ी। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। अस्पताल में आसाराम के लिए एक अलग वार्ड तैयार किया गया है, जहां उसे सुरक्षा के बीच रखा गया है।
जेल वापसी की स्थिति
आसाराम को यह पैरोल केवल 30 दिनों के लिए दी गई है, जिसके बाद उसे पुनः जेल लौटना होगा। हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि इस अवधि में केवल चिकित्सा संबंधी जरूरतों को पूरा किया जाएगा, और पैरोल की अवधि समाप्त होने पर उसे तुरंत जेल वापस भेजा जाएगा।
आसाराम की पैरोल का यह मामला एक बार फिर चर्चाओं में है। उच्च न्यायालय ने उनके स्वास्थ्य के आधार पर यह राहत प्रदान की है, परंतु यह पैरोल कानूनी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप की संभावना से बचते हुए दी गई है। आसाराम के इस पैरोल से जुड़ी हर गतिविधि पर पुलिस की कड़ी निगरानी रहेगी ताकि कानूनी और सामाजिक संतुलन बनाए रखा जा सके।
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