गुजरात की कला नगरी वडोदरा के दो प्रतिष्ठित तस्वीरकारों को उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक हृदय वाराणसी, में अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित करने का गौरव प्राप्त हुआ है। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ विजुअल आर्ट्स की प्रतिष्ठित अहिवासी कला दीर्घा में आयोजित इस प्रदर्शनी में, इन तस्वीरकारों की रचनात्मकता और फोटोग्राफी के अद्वितीय दृष्टिकोण को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करने का अवसर मिला है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गुजरात की कला नगरी वड़ोदरा के तस्वीरकारों की तस्वीर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। जिसमें वडोदरा के तस्वीरकार पीयूष पटेल ने अपनी तस्वीरों का सोलो एग्जिबिशन आभास के रूप में आयोजित किया है।
वाराणसी की बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ विजुअल आर्ट्स की अहिवासी कला दीर्घा में यह प्रदर्शनी आयोजित की गई है।वही अग्नि की लपटों से बनती हुई भावुकता पूर्ण तस्वीरों को अपने कैमरे में कैद करने का साहसिक कार्य करने वाले गुजरात के वड़ोदरा के तस्वीरकार भूपेश पटेल की प्रदर्शनी सेलिब्रेशन ऑफ़ फ्लेम्स शीर्षक के साथ फैकल्टी ऑफ विजुअल आर्ट्स के अहिवासी कला दीर्घा के खंड ए में आयोजित की गई है।
गुजरात ललित कला अकादमी द्वारा प्रायोजित इन दोनों तस्वीर कारों को वाराणसी में अपनी कृतियों की प्रदर्शनी के लिए क्यूरीटीका फाउंडेशन द्वारा आमंत्रित किया गया। 20 से 22 सितंबर तक आयोजित इस सोलो एग्जिबिशन को देखने के लिए कई कला प्रेमी लोग पहुंचे।
मुख्य अतिथियों में संगीत नाटक अकादमी के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर राजेश्वर आचार्य, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी की फैकल्टी ऑफ विजुअल आर्ट्स की डीन प्रोफेसर उत्तमा दीक्षित, मिनिस्ट्री ऑफ़ फॉरेन अफेयर्स से जुड़े हुए डॉक्टर शशीकांत नाग गुजरात के सीनियर फोटो जर्नलिस्ट एम नफीस खान,तस्वीरकार बिनय रावल, ट्रैवल एवं वेडिंग फोटोग्राफर प्रकाश तिलोकानी समेत के अग्रणी मौजूद रहे। तीन दिवसीय इस प्रदर्शनी से कला के छात्रों को फोटोग्राफी के नए आयाम के बारे में जानने का मौका मिल रहा है।
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