गुजरात के वड़ोदरा शहर में लाखों लोग बाढ़ से उपजे हालातो से निजात पाने की कोशिश कर रहे हैं, इसी बीच एक ऐसी घटना उजागर हुई है जो वडोदरा महानगरपालिका की घोर लापरवाही को वडोदरा के सामने उजागर कर रही है।
वडोदरा शहर में सोमवार को बारिश के रेड अलर्ट के बाद लगभग 10 इंच बारिश हुई। इस मूसलधार बारिश ने शहर के कई हिस्सों को पानी में डुबो दिया। विश्वानदी का जलस्तर बढ़ने से आधे शहर में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई, जिससे लोगों को पीने के पानी के लिए भी तरसना पड़ा।
इस विपदा में, वडोदरा महापालिका की घोर लापरवाही सामने आई है। 2016 में करोड़ों रुपये की लागत से खरीदी गई स्पीड बोट, जिसे फायर ब्रिगेड को आपात स्थिति में लोगों को बचाने के लिए सौंपा गया था, बाढ़ के दौरान काम में नहीं लाई गई। शहर के सामाजिक कार्यकर्ता स्वेजल व्यास ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये बोट्स दरजीपुरा फायर स्टेशन पर बेकार पड़ी हुई हैं और अब काम करने लायक भी नहीं हैं क्योंकि इनका कभी सही उपयोग ही नहीं किया गया।
फायर ब्रिगेड के गैर जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों ने इन बोट्स का कभी उपयोग करना सीखा ही नहीं, जिसके कारण बाढ़ जैसी गंभीर स्थिति में इनका कोई लाभ नहीं उठाया जा सका। ये बोट्स अब सिर्फ नाम मात्र की बची हैं, और उनके स्पेयर पार्ट्स तक उपलब्ध नहीं हैं।
इस पूरे मामले पर वडोदरा के लोग महापालिका से नाराज हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि इन बोट्स का उपयोग क्यों नहीं हुआ और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार कौन है? क्या महापालिका इस लापरवाही का जवाब देगी और दोषियों पर कोई कार्रवाई की जाएगी? ये सवाल अब वडोदरा के नागरिकों के मन में गूंज रहे हैं।
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