एक वक्त था जब तस्वीर खींचना काफी मुश्किल हुआ करता था। बड़े-बड़े कैमरों का इस्तेमाल होता था, और फोटोग्राफर को कैमरे के ऊपर ढके कपड़े के अंदर जाकर तस्वीर खींचनी पड़ती थी। इसके बाद 36 फोटो की रील वाले कैमरे आए, जिन्हें स्टूडियो में जाकर डेवलप करवाना पड़ता था, और फिर एक सुंदर एल्बम बनती थी। उस समय तस्वीरों को डिलीट करने का कोई विकल्प नहीं था। यह फोटोग्राफी का शुरुआती दौर था। समय के साथ कैमरों में बदलाव आते गए, और स्टूडियो में फोटो खिंचवाने का चलन धीरे-धीरे कम हो गया। आजकल बढ़िया कैमरों वाले मोबाइल फोन हथेली में समा जाते हैं, जिससे हर पल को आसानी से कैद किया जा सकता है।
विश्व फोटोग्राफी दिवस पर फोटोग्राफी कला को बढ़ावा देने के लिए, जाने-माने फोटोग्राफर केतन मोदी और मानव प्रतिष्ठान द्वारा “ऑल इंडिया फोटोग्राफी प्रतियोगिता 2024” (All INDIA PHOTOGRAPHY COMPETITION 2024 ) का आयोजन किया गया। यह प्रतियोगिता गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित की गई और सितंबर में इसका एग्जीबिशन भी लगाया गया है। जहां कलाप्रेमियों इसे बहुत सराहा।
इस प्रतियोगिता में देशभर के लगभग 500 प्रसिद्ध फोटोग्राफरों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता की खास बात इसका थीम “सहयोग” था।
आपने यह गाना तो सुना ही होगा: “साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाए तो मिलकर बोझ उठाना।” समाज के बेहतर निर्माण के लिए यह जरूरी है कि सभी मिलकर काम करें। इसी प्रेरणादायक थीम “सहयोग” के तहत इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इसमें आठ प्रमुख तस्वीरों का चयन किया गया और 20,000 रुपये तक के नकद पुरस्कार दिए गए। अब हम आपको इन खास तस्वीरों से रूबरू कराते हैं, जिनमें से हर एक तस्वीर अनोखी और प्रेरणादायक है।
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