TRAI (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) का नया OTP ट्रेसबिलिटी नियम देश में लागू हो गया है। यह नियम SMS के माध्यम से होने वाले धोखाधड़ी को रोकने के लिए एक अहम कदम है और देशभर में 1 करोड़ से अधिक यूजर्स पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
नया नियम क्यों महत्वपूर्ण है?
- धोखाधड़ी संदेशों को रोकने का उपाय:
- किसी भी बिजनेस मैसेज के सेंडर की पहचान करना और उसे ट्रेस करना आसान होगा।
- धोखाधड़ी वाले संदेशों को डिलीवरी से पहले ही ब्लॉक किया जाएगा।
- नेटवर्क सुरक्षा में सुधार:
- नेटवर्क स्तर पर संदेशों के संपूर्ण रास्ते की ट्रैकिंग होगी।
- संदिग्ध और अनचाहे बिजनेस कॉल्स और मैसेज को रोका जा सकेगा।
पहले लागू क्यों नहीं हुआ?
यह नियम 1 नवंबर को लागू होना था, लेकिन टेलीकॉम ऑपरेटरों ने अधिक तैयारी के लिए समय मांगा, जिसके कारण इसे 10 दिसंबर तक टाल दिया गया। अब यह पूरी तरह प्रभावी हो गया है।
ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकने में भूमिका: भारत में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों में 3000% की वृद्धि देखी गई है। ऐसे में, यह नियम बेहद आवश्यक हो जाता है।
- फर्जी लिंक वाले संदेशों को ऑटोमेटिक तरीके से ब्लॉक किया जाएगा।
- अज्ञात स्रोतों से आने वाले अनवॉन्टेड कॉल्स भी रोकी जाएंगी।
OTP डिलीवरी में देरी का क्या होगा?
TRAI ने स्पष्ट किया है कि इस नियम से OTP डिलीवरी में कोई बाधा नहीं आएगी।
- 95% संदेश समय पर डिलीवर हो रहे हैं।
- प्रारंभिक चरण में कुछ मामूली समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन उन्हें जल्दी ही हल कर लिया जाएगा।
यह नया नियम सुरक्षित डिजिटल अनुभव सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा कदम है। इससे यूजर्स को धोखाधड़ी से बचाने में मदद मिलेगी, और टेलीकॉम कंपनियां भी सख्त निगरानी रख सकेंगी।
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