अहमदाबाद-मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन कार्य प्रगति पर है। यह बुलेट ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी, लेकिन कोई आवाज नहीं सुनाई देगी। क्योंकि, बुलेट ट्रेन रूट में 1.75 लाख से ज्यादा ध्वनि अवरोधक लगाए गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, अब तक 87.5 किलोमीटर के क्षेत्र में 1.75 लाख से ज्यादा ध्वनि अवरोधक लगाए जा चुके हैं। जिसमें वायाडक्ट के दोनों ओर एक किलोमीटर की दूरी पर 2000 ध्वनि अवरोधक हैं। ध्वनि अवरोधकों के निर्माण के लिए इस मॉड्यूलर तत्व के लिए सूरत, आणंद और अहमदाबाद में तीन प्रीकास्ट कारखाने स्थापित किए गए हैं। ऑपरेशन के दौरान ट्रेनों और नागरिक संरचनाओं द्वारा उत्पन्न शोर को कम करने के लिए वियाडक्ट के दोनों किनारों पर ये शोर अवरोधक स्थापित किए जा रहे हैं।
शोर अवरोधक रेल स्तर से 2 मीटर ऊंचे और 1 मीटर चौड़े कंक्रीट पैनल हैं। प्रत्येक ध्वनि अवरोधक का वजन लगभग 830-840 किलोग्राम है। यह ट्रेन द्वारा उत्पन्न वायुगतिकीय ध्वनि के साथ-साथ ट्रेन के नीचे, मुख्य रूप से ट्रैक पर चलने वाले पहियों द्वारा उत्पन्न ध्वनि को प्रतिबिंबित और वितरित करने में मदद करता है।
इसका डिज़ाइन ऐसा है कि यात्रियों को ट्रेन की सवारी का आनंद लेने का दृश्य बाधित नहीं होगा। आवासीय और शहरी क्षेत्रों से गुजरने वाले पुलों पर 3 मीटर ऊंचे ध्वनि अवरोधक स्थापित किए जाएंगे। 2 मीटर कंक्रीट पैनल के अलावा, अतिरिक्त 1 मीटर ध्वनि अवरोधक ‘पॉलीकार्बोनेट’ और पारदर्शी होंगे।
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