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chandrika tandan

अहमदाबाद में पढ़ी चंद्रिका टंडन ने जीता पहला Grammy Award, व्यापार जगत में हैं प्रसिद्ध नाम

Grammy Award: भारतीय मूल की अमेरिकी सिंगर चंद्रिका टंडन को ग्रैमी अवॉर्ड्स में सम्मानित किया गया है। टंडन ने अपने एलबम ‘त्रिवेणी’ के लिए ‘बेस्ट न्यू एज, एंबियंट, चैंट एलबम’ श्रेणी में पहला ग्रैमी अवॉर्ड जीता। यह सम्मान उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी बांसुरीवादक वाउटर केलरमैन और जापानी सेलिस्ट एरु मात्सुमोटो के साथ साझा किया, जिन्होंने इस एलबम को मिलकर तैयार किया था।

71 वर्षीय चंद्रिका टंडन भारतीय मूल की बिजनेस लीडर और संगीतकार हैं। अहमदाबाद स्थित आईआईएम से ग्रेजुएट चंद्रिका को इस श्रेणी में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। उन्होंने अपने एलबम ‘त्रिवेणी’ में पारंपरिक वैदिक मंत्रों को संगीतमय रूप में प्रस्तुत किया।

इस एलबम का नाम “तीन नदियों के संगम” से प्रेरित है और इसमें उन्होंने तीन अलग-अलग विचारों जैसे “संगीत प्रेम है”, “संगीत हमारे भीतर प्रकाश फैलाता है”, “संगीत हमारे अंधकारमय दिनों में आनंद और मुस्कान लाता है” को संगीत के माध्यम से व्यक्त किया गया है।
इन्हीं कारणों से यह एलबम ग्रैमी अवॉर्ड जीतने में सफल रहा।

चंद्रिका टंडन ने अहमदाबाद आईआईएम से एमबीए करने के बाद मात्र 24 साल की उम्र में अमेरिका के न्यूयॉर्क में बस गईं। वे प्रतिष्ठित कंसल्टिंग फर्म McKinsey में पार्टनर बनने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी महिला थीं। उन्होंने बाद में टंडन कैपिटल एसोसिएट्स की स्थापना की, जो शैक्षणिक संस्थानों के पुनर्गठन में मदद करता है।

हाल ही में उन्होंने 2025 में न्यूयॉर्क स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग को 100 मिलियन डॉलर का दान दिया, जिससे शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को भी सराहा जा रहा है।

कौन हैं चंद्रिका टंडन?
चंद्रिका टंडन का जन्म चेन्नई के एक पारंपरिक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की और फिर आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया। उनकी छोटी बहन इंद्रा नूयी, पेप्सिको की पूर्व सीईओ और दुनिया की शीर्ष 50 बिजनेसवुमन में से एक हैं।

चंद्रिका को बचपन से ही संगीत का शौक था। उनका परिवार सामवेद में गहरी रुचि रखता था, जिससे वे कर्नाटिक संगीत और वैदिक मंत्रों के करीब आईं। ग्रैमी अवॉर्ड जीतकर उन्होंने भारतीय संस्कृति और वेदों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई है।