अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में अब एक साल से भी कम समय बचा है। इस बात को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सभी नेता इस महाकुंभ में उतरने के लिए अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। ऐसे में कांग्रेस के दिव्ंगत नेता अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने भी इस चुनावी जंग में उतरने का एलान कर दिया है।
उन्होंने कहा है कि वे गुजरात के भरुच विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहती हैं। अहमदाबाद में आयोजित एक प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि मेरे पिता मुझे राजनीति में लाने के खिलाफ थे, लेकिन मैं अगले साल 2024 में होने वाले चुनाव में लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहती हूं और मैं इसके लिए तैयारी भी कर रही हूं।
इतना ही नहीं उन्होंने अपने पिता के आखिरी दिनों का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने कोविड महामारी के दौरान चुनाव लड़ने को लेकर अपने पिता से बात-चीत में यह इच्छा जताई थी। तब उन्होंने कहा था कि एक महिला के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं है। इस बातचीत के दौर में हमने उन्हें खो दिया। निश्चित तौर पर जहां से पिता संसद में पहुंचे। वहां से मैं चुनाव लड़ना चाहती हूं।
बता दें भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली भरूच लोकसभा सीट पर पार्टी का 1989 (उन्नीस सौ नवासी) से कब्जा रहा है। पार्टी ने पिछले 35 सालों से इस सीट पर लगातार जीत हासिल की है। आदिवासी नेता मनसुख वसावा छठवी बार यहां से सांसद बने हैं। ऐसे में मुमताज कैसे इस किले को भेद पाती है यह देखना काफी दिलचस्प होगा।
जहां से मुमताज ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है उस सीट पर आम आदमी पार्टी की भी नजर है। ऐसे में इंडिया गठबंधन से कौन उम्मीद्वार होगा ये भी देखने वाली बात है। बता दें कि मुमताज ने चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसे लेकर वे काफी ऐक्टिव नजर आ रही हैं।
पिछले दिनों में उन्होंने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। इतना ही नहीं गांधी परिवार से भी उनकी काफी नजदीकियां है। वे लगातार भरूच के मुद्दो को भी उठा रही हैं। पिछले चुनावों में मुमताज ने प्रचार भी किया था, लेकिन वे खड़ी नहीं हुई थी। फिलहाल मुमताज के हिस्से में भरूच की टिकट आएगी या नहीं यह तो पार्टी के टिकट बांटने के बाद ही पता चलेगा।
More Stories
पाकिस्तान की शर्मनाक करतूत: शहीद सैनिकों के शव गधे पर लादकर ले जाने का वीडियो हुआ वायरल!
दिल्ली चुनाव 2024: AAP की पहली लिस्ट में बीजेपी और कांग्रेस के ‘बागी’ नेताओं की एंट्री, क्या है इसके पीछे की साजिश?
ग़रीब बच्चों के भविष्य को बचाने की बजाय, सरकारी नंदघर बन गए हैं खंडहर – क्या है इस भ्रष्टाचार की कहानी?