इंद्राणी के बाद अब भाजपा की रश्मि वर्मा की निजी तस्वीरें वायरल होने से पुनः हड़कंप मच गया है।
असम की भाजपा नेता इंद्राणी तलबीलदार की भाजपा नेता अनुराग चलीहा के साथ बहुत निजी तस्वीरें वायरल हुई थी, जिसको लेकर इंद्राणी की मृत्यु हो गई थी। इंद्राणी की रहस्यम मृत्यु की अभी तक खलबली थमी नहीं है, और मृत्यु कैसे हुई इस पर से पर्दा उठा भी नही है ,ऐसे में बिहार की भाजपा महिला विधायक रश्मि वर्मा की भी कुछ निजी पलों की तस्वीरें वायरल होने से एक बार फिर हड़कंप मच गया है।
भाजपा नेता इंद्राणी
इस घटनाक्रम में रश्मि वर्मा ने दावा कर दिया है कि सभी तस्वीरें एडिटीड है, और जाली है। रश्मि वर्मा ने भाजपा महिला नेता जूही यासमीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि जूही यासमीन ने अपने जीजाजी संजय सारंगपूरी के साथ मिलकर उन्हें बदनाम करने के आशय से इस तरह की तस्वीरें बनाकर वायरल की है। इसी के साथ रश्मि वर्मा ने उनका अपहरण कर दो करोड़ की मांग की शिकायत भी पुलिस में दर्ज करवाई है।
भाजपा की रश्मि वर्मा
उन्होंने तस्वीर में संजय सारंगपूरी होने की बात को स्वीकार करते हुए कहा कि वह उन्हें पटना से मोतिहारी उठा कर ले गया था, और बीच मार्ग में दो करोड़ की मांग की थी,साथ ही विधानसभा से इस्तीफा देने के लिए कहा था। यदि इस्तीफा नहीं देंगी तो उनके परिवार को खत्म करने की धमकी भी देने का रश्मि वर्मा ने आरोप लगाया है। तो दूसरी ओर संजय सारंगपूरी ने रश्मि वर्मा पर आरोप लगाया है कि उसके 5लाख नकद और 3 लाख के गहने लूट लिए जाने का आरोप रश्मि वर्मा पर लगाया हैं। साथ ही रश्मि के बेटे ने उनकी बेटी का अपहरण करने की धमकी दी है।
बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के नरकटियागंज की विधानसभा बैठक पर रश्मि वर्मा विधायक है। अपने पति आलोक वर्मा के कारण रश्मि राजनीति में आई और जेडीयू में जुड़ी। आलोक वर्मा कांग्रेस के दबंग नेता माने जाते थे। नरकटिया पंचायत की रश्मि वर्मा प्रमुख बनी। रश्मि वर्मा की छाप दबंग की है। जेडीयू से भाजपा में आकर वे विधायक बनी। अपनी दबंगाई के चलते उनसे कोई उलझता नहीं था।
रश्मि वर्मा 9 महीने तक विधायक रही और भाजपा ने 2015 में उन्हें टिकट नहीं दिया। जिसके चलते वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ी। 2020 के चुनाव में भाजपा की टिकट पर विधायक बनी। रश्मि वर्मा अपनी दबंगई के कारण अनेको केसो में घिरी है।
कहा जा रहा है, संजय के साथ उनके पुराने संबंध थे, जिनमें किसी कारण आई खटास के चलते आरोप प्रत्यारोपों का सिलसिला शुरू हुआ है। रश्मि वर्मा ने खुद स्वीकारा है कि संजय के साथ होने उन्होंने लक्भग दो साल तक काम किया है। लेकिन, पिछले दो सालों से वह उनके साथ नहीं है।
रश्मि की ऐसी तस्वीरों के चलते भाजप शर्मनाक स्थिति में है। लेकिन, बिहार में भारतीय जनता पार्टी को नितीश कुमार तेजस्वी यादव जैसे नेताओं के साथ टक्कर लेने वाली रश्मि जैसे दबंग नेताओं की जरुरत रहती है। इंद्राणी तहबीलदार की रहस्यमई मौत और रश्मि वर्मा मामले भाजपा का मौन सूचक है।
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