31-08-2023
ऑस्ट्रेलिया से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां 64 साल की महिला के दिमाग में जिंदा कीड़ा मिला है। डॉक्टरों की माने तो ये उनके करियर का इस तरह का पहला मामला है। मरीज में निमोनिया, पेट दर्द, दस्त, सूखी खांसी, बुखार और रात को पसीना आने जैसे तमाम लक्षण दिख रहे थे। डॉक्टर साल 2021 से ही उसका स्टेरॉयड और अन्य दवाओं से इलाज कर रहे हैं। 2022 में महिला में डिप्रेशन और भूलने की बीमारी के लक्षण दिखने शुरू हुए। फिर MRI स्कैन किया जो गड़बड़ी का पता चला। फिर सर्जरी करने की सलाह दी गई। लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि मस्तिष्क में जिंदा कीड़ा है। सर्जिकल टीम को जो मिला वो 3 इंच लंबा, चमकीले लाल रंग का, पैरासाइट राउंडवॉर्म था, ये महिला के मस्तिष्क में रह रहा था।
हैरान करने वाली बात ये है कि इसे आमतौर पर सांपों में पाया जाता है, इंसानों में नहीं। ये विशेष तरह का राउंडवॉर्म (कीड़ा) कारपेट पायथन (Carpet Pythons) में पाया जाता है, जो कंस्ट्रिक्टर की एक बड़ी प्रजाति है। डॉक्टर ये बात नहीं समझ समझ पा रहे थे कि सांपों में पाया जाने वाला कीड़ा, महिला के शरीर तक कैसे पहुंचा? उसका सांपों से कोई सीधा संपर्क नहीं हुआ, लेकिन उसके घर के पास वाली झील पर काफी सांप रहते हैं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि ऐसा संभव हो सकता है कि किसी खाने की चीज पर कीड़े के अंडे आ गए हों। महिला खाने के लिए पालक उगाती थी, तो माना जा रहा है कि कीड़े का अंडा उसी पर मौजूद रहा हो। पहले किसी भी इंसान में इस पैरासाइट संक्रमण का इलाज नहीं किया गया था, इसलिए डॉक्टरों को लक्षणों का इलाज करने के लिए महीनों महिला को सावधानी से दवाएं देनी पड़ीं। इससे पता चलता है कि जानवरों में पाई जाने वाली बीमारियां अब कैसे इंसानों में भी ट्रांसफर हो रही हैं। खैर, अच्छी बात ये है कि महिला की सेहत पहले से बेहतर है। लेकिन उसमें कुछ लक्षण अब भी हैं। डॉ. सेनानायके ने कहा- न्यूरोसर्जन नियमित रूप से मस्तिष्क में होने वाले संक्रमण के मामले देखते हैं, लेकिन ये करियर का ऐसा पहला मामला था। किसी को भी उसके (जिंदा कीड़े) मिलने की उम्मीद नहीं थी।
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