29 Jan. Vadodara: गणतंत्र दिवस पर जो ट्रैक्टर मार्च के दौरान हिंसा हुई वो मानों एक भारत की छवि पर कलंक है। परेड के दौरान हुई हिंसा के बावजूद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करने वाले किसान सिंघू बॉर्डर पर जमे हुए हैं। किसानों के आंदोलन वाली जगह पर शुक्रवार को एक बार फिर से हंगामा हुआ। खुद को स्थानीय निवासी बताने वाले लोगों का एक गुट वहां आ पहुंचा और धरना को ख़त्म कर रास्ता खोलने की मांग करने लगे। वहां अनजान लोगों ने आकर ‘सिंघू बॉर्डर खाली करो’ की नारेबाजी भी की। इससे सिंघु बॉर्डर के हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को अनियंत्रित भीड़ को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े। जो जानकारी हासिल हुई है उसके अनुसार, इस अफरातफरी के बीच प्रदर्शनकारी की तलवार से अलीपुर के SHO प्रदीप पालीवाल घायल हो गए।
सिंघू बॉर्डर पर पुलिस ने कथित तौर पर स्थानीय होने का दावा करने वालों और किसानों पर बल प्रयोग भी किया। स्थानीय होने का दावा करने वाले लोग विरोध स्थल को खाली करवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान किसानों से उनकी झड़प हो गई। बताया गया है कि आंदोलनकारियों की ओर से पहले पत्थरबाजी शुरू की गई थी। इसके बाद पुलिस को भी सख्ती बरत नी पड़ी।
न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, बताया जा रहा है की सिंघू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को वहां से हटाने के लिए बवाना और नरेला से कथित तौर पर वहां के लोग पहुंचे थे। उन्होंने किसानों पर पत्थरबाजी की और अपशब्द भी इस्तेमाल किये। कुछ किसानों को लाठियां भी मारी गईं। काफी समय तक पुलिस ने कथित स्थानीयों को समझाया, लेकिन जब हालात बेकाबू होते नज़र आये तो पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े और लाठियां भी बरसानी पड़ गयी।
वहीं आज किसानों की महापंचायत भी जारी है इस दौरान RLD के जयंत चौधरी महापंचायत में पहुंचे हैं अपना समर्थन देने। महापंचायत का मकसद आगे की रणनीति तय करना है कि आगे आंदोलन के लिए क्या कदम उठाये जाएंगे।
UDATES:
झड़प में 5 पुलिसकर्मी के घायल होने की खबर है।
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