बेंगलुरु में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां भारी बारिश के कारण एक निर्माणाधीन 7 मंजिला इमारत पत्तों के महल की तरह ढह गई। इस हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 13 लोगों को बचा लिया गया है। 3 लोग अब भी मलबे में दबे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए NDRF की टीम रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रही।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, डॉग स्क्वॉड की मदद ली गई
मंगलवार को हुई इस घटना के बाद से NDRF की टीम लगातार मलबा हटाने और मलबे में दबे लोगों को निकालने का प्रयास कर रही है। बुधवार सुबह डॉग स्क्वॉड की टीम को भी बुलाया गया ताकि मलबे में फंसे लोगों का पता लगाया जा सके। बड़ी मशीनों का इस्तेमाल कर मलबा हटाने का काम तेज़ी से किया जा रहा है।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू
कर्नाटक में इस घटना के बाद सियासत भी शुरू हो गई है। विपक्षी दल JDS ने कांग्रेस सरकार पर बेंगलुरु की स्थिति को बिगाड़ने का आरोप लगाया है। JDS के नेता ने कहा कि बेंगलुरु की बुनियादी ढांचे की हालत खराब है, और यह घटना इसका परिणाम है। वहीं, राज्य के डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “हम प्रकृति को नहीं रोक सकते, लेकिन स्थिति को मैनेज कर रहे हैं। देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं।”
भारी बारिश के कारण शहर की दुर्दशा
कर्नाटक में हो रही लगातार भारी बारिश ने शहर की बुनियादी संरचना को और कमजोर कर दिया है। बेंगलुरु की सड़कों पर जलजमाव की स्थिति और निर्माणाधीन इमारतों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश और निर्माण में लापरवाही के कारण इस तरह के हादसे होते हैं, जिससे लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है।
भविष्य में सुरक्षा के लिए कदम उठाने की मांग
इस घटना ने शहर में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। कई लोगों ने इस हादसे के बाद सरकार से मांग की है कि निर्माण कार्यों की जांच और सुरक्षा मापदंडों को और कड़ा किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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