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भारतीय इतिहास की 7 सबसे रमणीय राजकुमारियां जो इतिहास से हो गई गुम

भारतीय इतिहास न केवल वीरता और बलिदान की कहानियों से भरा पड़ा है, बल्कि इसमें कुछ ऐसी राजकुमारियां भी रही हैं जिनकी सुंदरता, बुद्धिमत्ता और जीवनशैली ने इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी। ये राजकुमारियाँ सिर्फ अपनी सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि अपने विचारों, साहस और प्रभावशाली व्यक्तित्व के लिए भी जानी जाती हैं। आइए जानते हैं उन सात अद्भुत राजकुमारियों के बारे में, जिन्होंने भारतीय इतिहास को गौरवान्वित किया।

1. रानी पद्मिनी – चित्तौड़ की अमर गाथा

रानी पद्मिनी भारतीय इतिहास और लोककथाओं में एक अमर चरित्र हैं। मलिक मुहम्मद जायसी के ‘पद्मावत’ महाकाव्य में उनके सौंदर्य और बलिदान की अद्भुत कहानी लिखी गई है। कहा जाता है कि अलाउद्दीन खिलजी उनकी सुंदरता पर मोहित था और उन्हें पाने के लिए चित्तौड़ पर आक्रमण किया। रानी पद्मिनी ने अपने सम्मान की रक्षा के लिए हजारों महिलाओं के साथ जौहर कर लिया। उनकी वीरता और आत्मसम्मान की यह कथा इतिहास में सदा अमर रहेगी।

2. सीता देवी – बड़ौदा की ग्लैमरस महारानी

राजकुमारी सीता देवी अपनी आकर्षक सुंदरता और विलासिता के लिए प्रसिद्ध थीं। वह पीतमपुरा के राजा राव वेंकट कुमारा महिपति सूर्य राऊ की पुत्री थीं। उनकी जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। पहले विवाह के बाद उन्होंने प्रताप सिंह गायकवाड़ से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपनाया और बाद में फिर से हिंदू धर्म अपना लिया। सीता देवी ने यूरोप के उच्च समाज में अपनी अलग पहचान बनाई और हीरे-जवाहरात की शौकीन थीं। उनकी कहानी भारतीय राजसी परिवारों की भव्यता और नाटकीयता का प्रतीक मानी जाती है।

3. निलोफर – हैदराबाद की चांदनी

राजकुमारी निलोफर का जन्म 4 जनवरी 1916 को इस्तांबुल के गोएस्टेप पैलेस में हुआ था। वह उस्मानी साम्राज्य से ताल्लुक रखती थीं और उन्हें भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे खूबसूरत महिलाओं में गिना जाता था। 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने हैदराबाद के निजाम के बेटे मोअज्जम जाह से विवाह किया। निलोफर की सादगी और खूबसूरती ने उन्हें जनता की प्रिय बना दिया था। उनका नाम आज भी नफासत और शाही शिष्टता के लिए लिया जाता है।

4. विजया देवी – संगीत और कला की मर्मज्ञ राजकुमारी

28 अगस्त 1922 को जन्मी विजया देवी संगीत और कला की दुनिया में अपना नाम स्थापित करने वाली एक अनूठी राजकुमारी थीं। वह कर्नाटक संगीत, नृत्य और वीणा वादन में पारंगत थीं। उन्होंने इंटरनेशनल म्यूजिक एंड आर्ट्स सोसाइटी की स्थापना की और भारतीय शास्त्रीय संगीत को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने का कार्य किया। 2005 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन उनकी संगीत साधना आज भी जीवंत है।

5. महारानी मेहताब कौर – सिख साम्राज्य की शक्ति

1782 में जन्मी मेहताब कौर, महाराजा रणजीत सिंह की पहली पत्नी थीं। वह केवल एक सुंदर रानी ही नहीं, बल्कि एक दृढ़ विचारों वाली महिला भी थीं। उनके पुत्र, शेर सिंह, बाद में सिख साम्राज्य के शासक बने। उनकी मां के रूप में उन्होंने अपने पुत्रों को एक शक्तिशाली भविष्य के लिए तैयार किया। उनकी मृत्यु 1813 में हुई, लेकिन उनका नाम सिख इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।

6. इंदिरा राजे – बड़ौदा की विद्रोही राजकुमारी

इंदिरा राजे का जन्म 19 फरवरी 1892 को बड़ौदा में हुआ था। वह राजा सयाजी गायकवाड़ और महारानी चिमनी बाई की पुत्री थीं। उनकी सुंदरता और आत्मविश्वास की चर्चा पूरे राजसी समाज में थी। इंदिरा ने प्रेम के लिए परंपराओं को चुनौती दी और ग्वालियर के महाराज माधो राव सिंधिया से अपनी सगाई तोड़कर कूच बिहार के राजकुमार जितेन्द्र नारायण से विवाह किया। उनकी बेटी महारानी गायत्री देवी भी भारतीय इतिहास की सबसे खूबसूरत महिलाओं में गिनी जाती हैं। इंदिरा ने अपने जीवन का अंतिम समय मुंबई में बिताया और 1968 में उनकी मृत्यु हो गई।

7. रानी लक्ष्मी बाई – वीरता की मिसाल

झांसी की रानी लक्ष्मी बाई का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। 19 नवंबर 1828 को जन्मी लक्ष्मी बाई ने बचपन से ही शस्त्र और शास्त्र दोनों की शिक्षा ली थी। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ वीरता से संघर्ष किया। मात्र 23 वर्ष की उम्र में वह रणभूमि में शहीद हो गईं, लेकिन उनकी बहादुरी और आत्मबलिदान की गाथा आज भी हर भारतीय के हृदय में जीवंत है।

ये सात राजकुमारियाँ न केवल अपने सौंदर्य और भव्यता के लिए प्रसिद्ध थीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व और उपलब्धियों ने भारतीय इतिहास को समृद्ध किया। उनकी कहानियाँ हमें सिखाती हैं कि वास्तविक सुंदरता केवल रूप में नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, साहस और कर्तव्यनिष्ठा में भी होती है।